शिमला: महिलाओं पर एफआईआर करने के खिलाफ पूरे प्रदेश में राजनीति गरमा गई है। आज राजधानी शिमला में हिमाचल प्रदेश यूथ कांग्रेस ने इस मामले के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया और जोरदार नारेबाजी भी की। उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की सरकार पर महिलाओं के साथ अन्याय करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि कोई भी हिमाचल प्रदेश सरकार के खिलाफ आवाज नहीं उठा सकता। जो कोई भी सरकार के खिलाफ है और सरकार और उनके मंत्रियों के खिलाफ आवाज उठाता है उनके विरुद्ध झूठे मुकदमे गढ़ दिए जाते हैं।
अध्यक्ष मनीष ठाकुर ने कहा कि सरकार जल्द से जल्द महिलाओं के खिलाफ दर्ज मुकदमा वापस लें अन्यथा वह फिर सरकार का घेराव करते हुए धरना प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि वह इस संबंध में राज्यपाल को ज्ञापन भी सौंपेगे।
यह था मामला:
पिछले माह हिमाचल प्रदेश सरकार में कृषि मंत्री रामलाल मारकंडा काजा गए थे। जहां महिलाओं ने उनका रास्ता रोक लिया था और उन्हें काजा की सीमा से भीतर प्रवेश नहीं करने दिया था। महिलाओं का कहना था कि रामलाल मारकंडा कभी शिमला जाते हैं और कभी स्पिति आते हैं। उन्हें भी क्वारन्टीन होना चाहिए और वह इस प्रकार से बार-बार शिमला से स्पिति और स्पिति से शिमला आ जा नहीं सकते। महिलाओं ने कैबिनेट मंत्री के खिलाफ जोरदार नारेबाजी भी की थी।
हालांकि कैबिनेट मंत्री ने कहा था कि महिलाओं का आरोप बिल्कुल गलत था क्योंकि प्रोटोकॉल के तहत केवल हिमाचल प्रदेश के बाहर से आ रहे लोगों को ही कोरेंटिन होने की आवश्यकता है और हिमाचल प्रदेश में रह रहे लोगों को किसी दूसरे जिले में जाकर कोरेंटिंन होने की आवश्यकता नहीं है और ऐसे में महिलाओं की यह मांग जायज नहीं थी। हालांकि कैबिनेट मंत्री ने उन्हें काफी समझाने का प्रयास किया लेकिन महिलाएं इतने रोष में थी कि वह कुछ सुन नहीं रही थी। कृषि मंत्री रामलाल मारकंडा बिना मास्क के अपनी गाड़ी से उतर गए। महिलाओं ने मारकंडा को मास्क न पहनने के लिए टोक दिया और उन्हें मास्क पहनने की हिदायत दे दी । इस मामले में राजनीति काफी गरमा गई थी और रामलाल मारकंडा ने आरोप लगाया था कि उनका रास्ता राजनीतिक साजिश के तहत रोका गया है। महिलाओं पर सीआरपीसी की धारा 144 और पेंडेमिक एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी क्योंकि महिलाओं ने वहां पर सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान नहीं रखा था और धारा 144 का भी उल्लंघन किया था।