यलो लाइंस से रसूखदारी और ठेकेदारी को मिलेगा लाभ,आम लोगों की कटेगी जेबें ..हरीश जनारथा

यलो लाइंस नहीं पार्किंग समस्या का समाधान

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शिमला नगर निगम अब यलो लाइन पार्किंग बनाने और इस पर शुल्क वसूलने का विचार कर रही है जिसको लेकर नगर निगम का विरोध किया जा रहा है। शिमला के डिप्टी मेयर रह चुके और कांग्रेस नेता हरीश जनारथा ने भी नगर निगम के इस कदम के खिलाफ मोर्चा खोल कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की चेतावनी दे डाली है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी में जहां सरकार को आम जनता को राहत देनी चाहिए वहीं सरकार नए-नए तरीके अपना कर जनता को लूट रही है। आज उन्होंने प्रेस वार्ता के जरिए निगम के इस फैसले का कड़ा विरोध किया है। उन्होंने विरोध जताते हुए कहा कि इससे केवल रसूखदारों को लाभ मिलेगा और ठेकेदारी प्रथा को भी बढ़ावा मिलेगा। आम जनता को जबकि सिर्फ अतिरिक्त टैक्स का खर्चा उठाना पड़ेगा। उन्होंने सरकार और नगर निगम से इस फैसले को तुरंत वापस लेने की मांग की है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर यह निर्णय जल्द नहीं रद्द किया गया तो वह कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। साथ ही उन्होंने नवनियुक्त शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज को मंत्री बनाए जाने पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वह पहले ऐसे विधायक हैं जो कि शहरी विकास मंत्रालय देख रहे हैं उन्होंने कहा कि जनता को उनसे प्रदेश के साथ-साथ शहर की बेहतरी की उम्मीदें हैं।

एमसी बिना सोच विचार के यलो लाइन पार्किंग बना रहा :

पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए हरीश जनारथा ने कहा कि शिमला में पार्किंग समस्या काफी समय से है और लोगों को इस समस्या का समाधान मिलना चाहिए। लोगों की इस समस्या को हल करने का सभी सरकारें लगातार प्रयास करती रही हैं। उन्होंने कहा कि यलो लाइन के माध्यम से भी लोगों की पार्किंग समस्या को सुलझाने के लगातार प्रयास किए जाते रहे हैं लेकिन यह प्रयास कभी सफल नहीं हो पाए हैं और इन प्रयासों को जबरदस्ती भी नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिमला की सड़कें अलग-अलग एजेंसियों के पास हैं। इनमें से कुछ पीडब्ल्यूडी ,सीपीडब्ल्यूडी के पास हैं तो कुछ नेशनल हाइवे हैं ऐसे में यलो लाइंस पर पार्किंग तय करना संभव नहीं है। वहीं दूसरी ओर नगर निगम की सड़कें कोर एरिया ,रिहायशी इलाकों और वार्डों के अंदर हैं जिनमें से ज्यादातर एंबुलेंस रोड हैं। उन्होंने कहा कि नगर निगम बिना सोच विचार के यलो लाइन पार्किंग बना रहा है।

यलो लाइन के बाहर गाड़ी खड़ी करने पर कटेगा चालान :

उन्होंने कहा कि एमसी को अभी चिन्हित पार्किंग स्थलों पर ही पार्किंग बनानी चाहिए। यलो लाइन से सुविधा केवल कुछ लोगों को ही मिलेगी। आधे से ज्यादा लोगों को उसके बावजूद भी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा क्योंकि यलो लाइंस में कम ही गाड़ियों को पार्किंग की सुविधा मिल पाएगी और बाकी गाड़ियों को गाड़ी खड़ी करने के लिए जगह नहीं मिल पाएगी ऐसे में यलो लाइन के बाहर गाड़ी खड़ी करने के कारण ट्रैफिक पुलिस या पुलिस को चालान काटने का मौका मिलेगा। लोगों को पहले ही काफी टैक्स देने पड़ रहे हैं अब उनके पास अपने घर के आस-पास गाड़ी खड़ी करने पर भी उनकी गाड़ियों का चालान काटा जाएगा ।

टैक्स तो वसूल रही है पर सिक्योरिटी क्या दे रही है :

उन्होंने सरकार व नगर निगम से सवाल पूछते हुए कहा कि प्रशासन बताएं कि वह यलो लाइन में गाड़ी खड़ी करने पर टैक्स तो वसूल रही है पर सिक्योरिटी क्या दे रही है ? उन्होंने कहा कि आए दिन शहर में गाड़ियों की तोड़फोड़ और चोरी की घटनाएं घटती रहती हैं ऐसे में गाड़ियों की सुरक्षा का क्या प्रावधान है।

रसूखदारी और ठेकेदारी को मिलेगा बढ़ावा:

उन्होंने कहा कि यलो लाइन में सिर्फ रसूखदारों को फायदा मिलेगा। आम लोगों को किसी भी प्रकार की कोई राहत नहीं मिलेगी साथ ही दूसरी ओर ठेकेदारी प्रथा बढ़ेगी ऐसे में सिर्फ सरकार के लोगों को ही लाभ मिल पाएगी। साथ ही इससे आम जनता की जेब पर अतिरिक्त खर्चा बढ़ेगा और सुविधाओं के नाम पर कोई भी सिक्योरिटी जनता को नहीं मिलेगी। उन्होंने कहा पहले ही जनता बिजली पानी की दरों में हुई बढ़ोतरी के खर्चे तले दबी हुई है ऐसे में जनता के ऊपर और अधिक कर लगाना सही नहीं है।

पार्किंग निर्णय पर करें पुनर्विचार,अन्यथा जाएंगे कोर्ट:

उन्होंने शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज को बधाई देते हुए कहा कि वह प्रदेश के पहले ऐसे विधायक हैं जिन्हें शहरी विकास मंत्री बनाया गया है और ऐसे में जनता को उनसे प्रदेश के साथ ही शहर की बेहतरी की उम्मीद है उन्होंने कहा कि वह इस मामले में तुरंत निर्णय लें और इस यलो लाइन के फैसले को तुरंत रद्द करें। उन्होंने कहा कि वह नगर निगम के इस निर्णय का विरोध करते हैं और इस फैसले पर तुरंत रोक लगाने की मांग करते हैं। उन्होंने एमसी शिमला से यलो लाइन पर लिए गए पार्किंग निर्णय पर पुनर्विचार करने की मांग की है और चेतावनी हुए कहा कि अगर उनकी मांग नहीं मानी गई तो वह कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।

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