मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर छह वर्ष से कम आयु वर्ग के बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण आवश्यकताओं की पूरी देखभाल करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि शिशुओं की देखभाल करने की पूरी जिम्मेदारी महिला एवं बाल विकास विभाग की है। इसके साथ ही तीन से छह वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों की विद्यालय पूर्व शिक्षा की जिम्मेदारी प्रारंभिक शिक्षा विभाग को पूरी करने के निर्देश दिए गए। बच्चों के समग्र विकास के लिए और शिशु देखभाल सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से महिला एवं बाल विकास विभाग और प्रारंभिक शिक्षा विभाग में बेहतर समन्वय स्थापित करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन करने का भी निर्णय लिया गया।
जय राम ठाकुर ने बच्चों की प्रारंभिक देखभाल शिक्षा पर एक प्रस्तुतीकरण के दौरान कहा कि राज्य के विभिन्न हिस्सों में 18925 आंगनवाड़ी केंद्र अभिसरण (कन्वर्जेंस) और 3134 आंगनवाड़ी केंद्र राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि समेकित बाल विकास सेवाओं और बच्चों की प्रारंभिक देखभाल शिक्षा के तहत आंगनवाड़ी केंद्रों में पके हुए भोजन के रूप में बच्चों को प्रतिपूरक आहार उपलब्ध करवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बच्चों के समग्र विकास के लिए बच्चों की प्रारंभिक देखभाल शिक्षा कार्यक्रम को पोषण अभियान से जोड़ा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा बच्चों की प्रारंभिक देखभाल शिक्षा के अंतर्गत बच्चों को बच्चों को सरल एवं रोचक तरीके, खेलों, रंगों, फलों, सब्जियों और संख्या आदि के माध्यम से बुनियादी शिक्षा की जानकारी दी जा रही है। उन्होंने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की विभिन्न योजनाओं पर प्रकाश डालती पाॅकेट डायरी भी जारी की।
शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश के 3740 प्राथमिक विद्यालयों में प्री-प्राईमरी कक्षाएं चल रही हैं। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डा. राजीव सैजल ने इस अवसर पर महत्वपूर्ण सुझाव दिए। अतिरिक्त मुख्य सचिव, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता निशा सिंह ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया।
मुख्य सचिव अनिल खाची, प्रधान सचिव, वित्त प्रबोध सक्सेना, सचिव शिक्षा राजीव शर्मा, निदेशक, महिला एवं बाल विकास कृतिका कुलहारी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।