मंडी : कोविड 19 महामारी के दौर में डॉक्टर जहां बतौर कोरोना वॉरियर्स बीमारी से लड़ रहे हैं वहीं कई विशेषज्ञ डॉक्टर दो कदम आगे बढ़ते हुए सर्जरी और सफल प्रसव करवाने में भी जुटे हुए हैं। गर्भवती मां के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद प्रसव जैसा कार्य और चुनौतीपूर्ण हो रहा है, लेकिन नेरचौक के डाक्टरों के जज्बे के सामने कोरोना महामारी भी हार मानती दिख रही है। अस्पताल के डॉक्टरों ने दो कोरोना पॉजीटिव महिलाओं का एक बार फिर सफल प्रसव करवाया है।
3 अगस्त की सुबह 1 बजकर 12 मिनट और 1.55 मिनट पर दो बच्चों ने जन्म लिया है और यह बच्चे पूर्ण रूप से स्वस्थ हैं। 34 वर्षीय एक महिला जो हमीरपुर से नेरचौक अस्पताल में रेफर की गई थी कोरोना पॉजीटिव पाई गई थी। इस महिला ने बेटी को जन्म दिया है और सामान्य प्रसव हुआ है। एक अन्य महिला 35 वर्षीय बिलासपुर से अस्पताल में रेफर की गई थी। महिला भी कोरोना पॉजिटिव पाई गई थी। इस महिला ने प्रीमेच्योर बच्चे को जन्म दिया है। जिसका वजन 1.9 किलो है और उसे डॉक्टरों ने ऑक्सीजन पर रखा है। इस बच्चे की हालत भी स्थिर है। इन महिलाओं के प्रस्व के लिए डॉक्टरों के सामने कोविड महामारी की चुनौती एक बार फिर सामने थी, लेकिन डॉक्टरों की टीम ने पूरी प्रतिबद्धता के साथ अपनी ड्यूटी को निभाया और कोविड पॉजिटिव महिलाओं का सफल प्रसव करवाया।
इससे पहले भी डॉक्टरों ने अस्पताल में हिमाचल का पहला सिजेरियन द्वारा सफल प्रसव करवाया है जिसमें महिला कोरोना पॉजिटिव थी। आज रात को हुए सफल प्रसव के बाद अस्पताल के डॉक्टरों ने अपनी ड्यूटी को पूरी लगन से अंजाम दिया है। डॉक्टरों की टीम में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. सोमदत्त, बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. विशाल जम्वाल, इंटर्न डॉ. अलीशा और डॉ. अपूर्वा, स्टाफ नर्स सुनीता शामिल रहे।