ढाई साल का विफल कार्यकाल,आवाज़ उठाने पर तानाशाही रुख इख्तियार कर रही सरकार

विक्रमादित्य ने चेताया ...कोविड-19 का बहाना न बनाए अधिकारी,विकास कार्यों को दे गति ,नहीं तो दर्ज होगा अब हनन का मामला ...।

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कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने अपने एक बयान में प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया है कि वह प्रदेश की समस्याओं को सुलझाने में पूरी तरह विफल साबित हुई है। सरकार का ढाई साल का कार्यकाल पूरी तरह विफल रहा है । ऐसे में सरकार से सवाल पूछने और विरोध करने वालों पर सरकार झूठे और देशद्रोह जैसे संगीन मामलें दर्ज कर रही है।साथ ही उन्होंने सरकार से उनकी निजी विधायक निधि से शुरू किए गए कार्यों को जल्द गति देने की मांग की है साथ ही चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही कार्यों को शुरू नहीं किया गया तो वह हनन का मामला दर्ज करने से चूकेंगे नहीं।

ढाई साल का कार्यकाल विफल, ढींगे मारने में बीत गया समय:

उन्होंने कहा है कि सरकार देश की आवाज को नहीं दबा सकती है। देश में लोकतंत्र है इसलिए तानाशाही ज्यादा समय तक नहीं चल सकती। विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि प्रदेश विकास के मामलें में पिछड़ता जा रहा है। ढाई साल के अपने कार्यकाल में जयराम सरकार प्रदेश के लिए कोई भी ऐसी योजना नहीं ला सकी है। विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि चुनावों के समय प्रदेश को 65 राष्ट्रीय राज मार्गों की बड़ी-बड़ी बातें कही गई। उन्होंने इसे चुनावों में भुनाया भी और इसका पूरा राजनैतिक लाभ भी लिया। उन्होंने भाजपा से जानना चाहा है कि वह राष्ट्रीय राज मार्ग अब कहां गायब हो गए है ?विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि भाजपा सासंद प्रदेश में रेल विस्तार की भी ढींगे मारते रहें,यह भी आज दिन तक वहीं की वहीं खड़ी है न तो प्रदेश के सासंद ही प्रदेश को कुछ ला सकें है और न ही प्रदेश सरकार इनका कोई लाभ ले सकी है।

कोविड-19 की आड़ में अधिकारी न रोके विकास कार्य,अन्यथा दर्ज होगा मामला:

विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि प्रदेश सरकार कोविड-19 के चलते प्रदेश के लोगों को कोई भी राहत नही दे सकी है। उल्टे इस सरकार ने लोगों पर डीज़ल पेट्रोल के मूल्य बढ़ा कर उन्हें मंहगाई परोस दी है। किसानों, बागवानों की अनदेखी की जा रही है। कारोबारियों को कोई योजना नहीं है। बेरोजगारी की कोई चिंता भी नहीं है। उनका कहना है कि ऐसा लगता है कि सरकार ने सब कुछ रामभरोसे छोड़ दिया है।विक्रमादित्य सिंह ने प्रशासन को चेताया है कि उनके विधानसभा क्षेत्र में जिन कार्यों को उन्होंने अपनी विधायक निधि से पैसा दिया है,उन्हें जल्द पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के नाम पर जो अधिकारी विकास कार्यों को किसी भी प्रकार से प्रभावित व रोकने का काम कर रहें है,वह सही नहीं है । इसके लिए वह विशेषाधिकार हनन का मामला भी बना सकतें है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि अधिकारियों को सख्त निर्देश जारी किए जाए कि जो पैसा जिस कार्य के लिए स्वीकृति किया गया है वह उसी पर खर्च होना चाहिए।

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