
शिमला। भाजपा खुद को पार्टी विद अ डिफरेंस कहती नहीं थकती, लेकिन इसकी कथनी व करनी में भी फर्क आ चुका है। कर्ज़ में डूबे प्रदेश में पहले तो माननीय जनों के यात्रा भत्ते मैंम भारी भरकम बढ़ोतरी की गई और अब ऐसे लोगों को संगठन में आगे करने की तैयारी है, जिनका रिकॉर्ड संदिग्ध रहा है। कुछ लोग पलटी मारने में महारथी होते हैं, ऐसे ही एक महारथी को सरकार या संगठन में बड़ी जिम्मेदारी की तैयारी है। शहर में शोर है कि बैंक को चूना लगाने में भी ये महारथी माहिर है। भाजपा के शीर्ष लोग और संघ के कुछ लोग अपनी बैठकें भी इस महारथी के महल में करते हैं।
सीएम जयराम ठाकुर के बारे में आम जनता में ये सोच अभी भी बरकरार है कि वे सत्ता के गलियारों की चालाकी से फिलहाल पर हैं, लेकिन ऐसे बंटी बबली इस छवि को आघात पहुंचा सकते हैं। मीडिया के जरिये या फिर मीडिया समूह की पीठ पर सवार होकर सत्ता की मलाई चाटने वाले जल्दी ही एक्सपोज़ भी होते देखे गए हैं। शहर में शोर है क्या भाजपा और सरकार ऐसे महारथियों के बिछाए जाल में फंसते हैं या नहीं।