निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ छात्र अभिभावक मंच ने फिर किया शिक्षा विभाग का घेराव …

मंच ने सौंपा 13 वां ज्ञापन शिक्षा निदेशक अमरजीत सिंह ने दिया आश्वासन

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कोरोना संकट काल के बीच निजी स्कूलों की मनमानी रुकने का नाम नहीं ले रही है। शिमला में छात्र अभिभावक मंच ने आरोप लगाया कि सरकार के आदेशों के बावजूद निजी स्कूल पूरी फीस वसूल रहे हैं। छात्र अभिभावक मंच के अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा कि सरकार ने कैबिनेट में यह निर्णय पारित किया था कि निजी स्कूल केवल ट्यूशन फीस ले पाएंगे लेकिन बावजूद इसके कुछ निजी स्कूल पूरी फीस वसूल रहे हैं। ऐसे में छात्रों के अभिभावकों को कोरोना संकटकाल के बीच समस्या का सामना करना पड़ रहा है। कोरोना संकटकाल के बीच पहले ही लोगों बेरोजगारी की मार झेेेल रहा है और ऐसे में निजी स्कूलों की मनमानी ढंग से फीस वसूलना अभिभावकों पर बेहद भारी पड़ रहा है। छात्र अभिभावक मंच ने आज शिक्षा निदेशालय में शिक्षा निदेशक अमरजीत सिंह को मांग पत्र सौंपा।

विजेंद्र मेहरा व विवेक कश्यप ने कहा है कि निजी स्कूल प्रबंधन ज़्यादा वसूली गयी फीस को अगली किश्तों में सम्माहित करने में आनाकानी कर रहे हैं और न ही इस बढ़ी हुई फीस को वापिस लौटा रहे हैं। उन्होंने कहा है कि कैबिनेट के निर्णय के अनुसार वर्ष 2019 की तर्ज़ पर ही निजी स्कूल टयूशन फीस वसूल सकते हैं लेकिन ये स्कूल वर्ष 2019 के बजाए वर्ष 2020 की फीस बढ़ोतरी के साथ यह टयूशन फीस वसूल रहे हैं। इन स्कूलों ने पिछले वर्ष टयूशन फीस,एनुअल चार्ज,एडमिशन फीस,कम्प्यूटर फीस,स्मार्ट क्लास रूम चार्ज,स्पोर्ट्स चार्ज,केयरज़ फंड,मिसलेनियस फंड,बिल्डिंग फंड,डेवेलपमेंट फंड व अन्य सभी प्रकार के फंड व फीस के रूप में विभिन्न मदों में ली गयी फीस को इस वर्ष केवल टयूशन फीस में सम्माहित कर दिया है व पिछले वर्ष की तुलना में टयूशन फीस को चार से पांच गुणा बढ़ाकर अभिभावकों पर कोरोना काल की तिमाही में ही दस से पन्द्रह हज़ार रुपये का अतिरिक्त बोझ लाद दिया है। उन्होंने कहा कि बहुत सारे निजी स्कूलों ने कोरोना काल का फायदा उठाते हुए अन्य चार्जेज को हटाकर 90 से 100 प्रतिशत फीस टयूशन फीस के नाम पर ही फीस बुकलेट में दर्शा दी है। अतः इन की टयूशन फीस को रेशनेलाइज़ किया जाए व उसी आधार पर अभिभावकों से फीस वसूली जाए। टयूशन फीस किसी भी रूप में कुल फीस के पचास प्रतिशत से अधिक नहीं वसूली जानी चाहिए। इसके लिए पूरा मैकेनिज़्म तैयार किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि वह लगातार यह मांग उठाते आए हैं और आज वह 13वां मांग पत्र सौंप रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि शिमला में प्ले स्कूल भी मनमानी फीस वसूल रहे हैं जबकि प्ले स्कूल में किसी भी प्रकार से पढ़ाई-लिखाई नहीं होती। वहां केवल बच्चों को आम बातें समझाई और सिखाई जाती है लेकिन बावजूद इसके शिमला में प्ले स्कूल भी मनमाना रवैया अपनाए हुए हैं और अभिभावकों से फीस वसूल रहे हैं।
शिक्षा निदेशक अमरजीत सिंह ने कहा कि वह सरकार के फैसलों को लागू करवा रहे हैं और जहां भी उन्हें शिकायत प्राप्त होती है वह उस पर कार्रवाई करते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा निदेशालय लगातार इस विषय पर काम कर रहा है और छात्र अभिभावक मंच खुद इस बात का साक्षी है कि शिक्षा निदेशालय ने कठोरता से कार्रवाई की है। जहां भी शिकायत प्राप्त होती है उन पर कार्रवाई की जाती है। प्ले स्कूल के मुद्दों पर मुद्दे पर उन्होंने कहा कि प्ले स्कूल उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आते लेकिन इस तरह से प्ले स्कूल का फीस लेना गलत है उन्होंने कहा कि छात्र अभिभावक मंच के की शिकायत पर उचित कार्रवाई की जाएगी।

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