डिजिटल हुई परिवहन निगम की सेवाएं,अब नहीं लगाने होंगे निगम के चक्कर

बढ़ते-घटते तेल के दामों का हिसाब रखने वाले सॉफ्टवेयर पर कर रहा निगम काम .. तेल के दामों के अनुसार तय करेगा दाम …

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आखिरकार अब आम जनता को परिवहन निगम के कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे और न ही जरा से काम के लिए लाइनों में लगना पड़ेगा। परिवहन विभाग ने निगम की सभी कार्यप्रणाली को पेपरलेस कर डिजिटल कर दिया है। लोग घर बैठे ही लाइसेंस जैसी अनेक सुविधाएं घर बैठे ही ऑनलाइन पा सकेंगे। परिवहन मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर ने आज हुई पत्रकार वार्ता में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ई-परिवहन सेवा देने वाला हिमाचल प्रदेश पहला राज्य है।

परिवहन क्षेत्र में ई-व्यवस्था शुरू करने वाला पहला राज्य:

उन्होंने कहा कि देश में हिमाचल प्रदेश परिवहन क्षेत्र में ई-व्यवस्था शुरू करने वाला पहला राज्य है।जनहितकारी पहल के तहत परिवहन विभाग ने इस योजना को 27 जुलाई से दो जिलों शिमला और कांगड़ा में शुरू करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि इस योजना को प्रदेश में कुछ जगह पर ही पायलट आधार पर चलाया जाएगा। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना के तहत आज पीटरहॉफ में वर्कशॉप का आयोजन भी किया गया जिसमें कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी गई। इससे पूर्व कांगड़ा में भी वर्कशॉप का आयोजन किया गया था।

कोरोना काल में ऑनलाइन सेवाओं की भूमिका अहम:

कोरोना काल में ऑनलाइन सेवाओं की भूमिका बहुत अहम है। कोरोना संकट के इस गंभीर दौर में जब लोगों को संक्रमण का खतरा है तो ऐसे में यह योजना कारगर साबित होगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश की अधिकांश जनता सीधे तौर पर परिवहन विभाग से जुड़ी हुई है। ई-व्यवस्था प्रणाली से लोगों को घर बैठे ही ऑनलाइन विभाग की सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। लोगों को दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।

ऑनलाइन वर्कशॉप के जरिये लोगों को किया जायेगा जागरूक:

परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि लोगों को ऑनलाइन वर्कशॉप के माध्यम से ई-व्यवस्था की जानकारी दी जाएगी। अभी शुरुआत में छोटी-छोटी वर्कशॉप के तहत काम किया जाएगा। बेबीनार, आरटीओ ,एसडीओ कार्यालय के माध्यम से लोगों को इस संबंध में जानकारी दी जाएगी।

तेल के दामों के मुताबिक किराया निर्धारित करने वाले सॉफ्टवेयर पर कर रही सरकार काम:

उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि हिमाचल सरकार एक ऐसे सॉफ्टवेयर पर काम कर रही है जो पेट्रोल -डीजल के दामों के अनुसार ही कीमत तय करेगा। इस सॉफ्टवेयर के मुताबिक तेल की कीमतों में उतार चढ़ाव के आधार पर ही बस किराया का निर्धारण किया जाएगा।

कांग्रेस कर रही सिर्फ वोट बैंक की राजनीति:

इस अवसर पर उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष केवल वोट बैंक की राजनीति कर रहा है सरकार को बस किराए में वृद्धि मजबूरी वश करनी पड़ी। कोरोना की मार से विभाग बुरी तरह से प्रभावित हुआ है ऐसे में सरकार को किरायों में वृद्धि करनी पड़ी। उन्होंने कहा कि मिलजुलकर इस स्तिथि से निपटना होगा लेकिन विपक्ष केवल राजनीति कर रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय से ही विभाग घाटे में चल रहा है। जिन क्षेत्रों में नाम मात्र की सवारी हैं ऐसे क्षेत्रों में बसें चला कर सरकार को करोड़ों रुपये का खर्चा वहन करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासित पड़ोसी राज्यों में प्रदेश की तुलना में बस किराया अधिक है।

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