स्वास्थ्य विभाग में कथित पैसों के लेन-देन के वायरल हुए ऑडियो को लेकर गरमाने लगी सियासत

विपक्ष ने की जांच की मांग

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स्वास्थ्य विभाग में बुधवार को कथित पैसों के लेन-देन के वायरल हुए वीडियो को लेकर जहां सियासत गर्मा गई है वहीं विपक्ष भी सरकार को आड़े हाथों ले रही है। विपक्ष इस ताज़ा मामले पर सरकार को घेरने की कोशिश कर रहा है। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने जयराम सरकार पर कटाक्ष करते हुए सवालों के जवाब देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री की नाक के नीचे सचिवालय में घोटाले हो रहे हैं और मुख्यमंत्री  अफसरशाही के बीच घिरे हुए हैं और अगर विपक्ष इस पर कुछ कहे तो सरकार राजनीति करने का आरोप लगाने लगती है।

मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में सेनेटाइजर घोटाला मामला अभी सुलझा नहीं है। इसकी अभी विजिलेंस जांच ही की जा रही है और अब यह एक और वीडियो स्वास्थ्य विभाग का वायरल हो गया है। उन्होंने वायरल हुए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी के ऑडियो की सत्यता को लेकर कहा कि इसकी सत्यता क्या है ,इस संबंध में कुछ नहीं कहा जा सकता है लेकिन इस ऑडियो में लेन-देन करने की बात बिल्कुल स्पष्ट है और ऑडियो की सत्यता और समय की फोरेंसिक जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जबकि प्रदेश सरकार द्वारा इसकी जांच विजिलेंस को सौंप दी गई है लेकिन स्वयं सरकार के नेता सरकार पर ट्वीट के माध्यम से दोषी के खिलाफ कार्यवाही की मांग कर रहे हैं। 


मुकेश अग्निहोत्री ने जयराम सरकार को घेरते हुए कहा कि सरकार हर मोर्चे पर विफल हो रही है और अपनी कमियों को छुपाने के लिए विपक्ष पर राजनीति करने का आरोप लगा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने विपक्ष के स्थगन प्रस्ताव पर अमल नहीं किया जबकि अभी कोरोना संकट पर चर्चा जरूरी है जबकि इनके अपने नेता बैठक बुलाने की बात कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वीरभद्र सिंह द्वारा दिए गए ज्ञापन को उचित संदर्भ में नहीं लिया गया और मुख्यमंत्री जयराम तीखी टिप्पणी कर बैठे। उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल का उदाहरण देते हुए कहा कि केजरीवाल जनता द्वारा दिए गए 5 लाख सुझावों पर अमल कर रहे हैं लेकिन जयराम ठाकुर विपक्ष के दो पत्रों से ही घबरा गए।


उन्होंने सरकार पर कोरेंटिन के दौरान हुई मृत्यु की जांच की मांग करते हुए कहा कि सरकार ने कांग्रेस शासनकाल में हुई मौत पर खूब बवाल मचाया था लेकिन अपनी बारी में चुपी साधे बैठी है। उन्होंने कहा कि ब्यूरोकेसी द्वारा चलाई जा रही सरकार ने राशन स्कीम में फेरबदल कर सही कदम नहीं उठाया है। अभी कोरोना संकट में सबसे बड़ा मसला हर घर आंगन राशन पहुंचना है लेकिन सरकार लोगों की रोटी छीनने का काम कर रही है। 

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