प्रदेश भाजपा सरकार का आपसी अंतर्कलह साफ देखने को मिल रहा है। सरकार आज अपने ही जीते हुए विधायकों की अनदेखी कर रहा है। विधायक मंत्री पद पर बैठने के लिए सूट सिल्वा कर तैयार हैं मगर सरकार द्वारा उनको तवज्जो नहीं दी जा रही है। यह बात विधायक शिमला ग्रामीण विक्रमादित्य सिंह ने आज पत्रकार वार्ता के दौरान कही। ज्वालामुखी के विधायक रमेश धवाला के बयान का समर्थन करते हुए विक्रमादित्य ने कहा कि सरकार हारे हुए विधायकों को प्राथमिकता दे रही है और जनता द्वारा चुने गए नेताओं की अनदेखी कर रही है।
नेताओं की अनदेखी जनता के विकासात्मक कार्यो को करेगी प्रभावित :
उन्होंने कहा कि चूंकि यह बीजेपी का अंदरूनी मामला है लेकिन जिम्मेदार विपक्ष होने के नाते उनका इस मसले पर विचार करना उनका दायित्व है। उन्होंने कहा कि कांगड़ा प्रदेश का सबसे बड़ा जिला है। रमेश धवाला न केवल यहां के चुने हुए विधायक हैं बल्कि विधानसभा के सदस्य भी हैं। उनकी इस प्रकार से अनदेखी जनता के विकासात्मक कार्यो को प्रभावित करती है। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र ने कांगड़ा जिला और सरकार के बीच हमेशा ही सेतु का काम किया है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में अपने चुने हुए नेताओं की इस प्रकार से अनदेखी चिंता का विषय है।
राष्ट्रीय मार्गों को लेकर जनता से मांगते रहे बीजेपी नेता समर्थन :
विक्रमादित्य ने कहा कि भाजपा के नेता हमेशा 69 राष्ट्रीय मार्गों को लेकर जनता से समर्थन मांगते रहे हैं। सरकार विपक्ष पर डीपीआर न बनने देने के आरोप लगाती रही है लेकिन केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि हिमाचल में इन राष्ट्रीय मार्गों को पीएम कार्यालय से स्वीकृति नहीं मिली है। यह बात बीजेपी नेताओं पर प्रश्नचिन्ह लगाता है । जिस मुद्दे पर वह पिछले पांच सालों से जनता का समर्थन मांग रहे थे वह मुद्दा पूरी तरह ध्वस्त हो गया है। इससे सरकार की करनी और कथनी में अंतर है।
विधायकों की अनदेखी के खिलाफ कांग्रेस शुरू करेगी कड़ी मुहिम :
विक्रमादित्य ने कहा कि सरकार के अंदुरनी मामलों में हस्तक्षेप करने की उनकी कोई मंशा नहीं है। पार्टी में अंतर्कलह की वजह क्या है, मुखिया कौन होगा, प्रदेशाध्यक्ष डॉ.राजीव बिंदल का त्यागपत्र देना और मात्र 2 घंटे में स्वीकृति और संगठन मंत्री के ऊपर गंभीर आरोप लगना और मंत्रियों का गुबार निकालने के पीछे क्या करना है इनकी जानकारी कांग्रेस को नहीं चाहिए लेकिन चुने हुए नुमाइंदों के साथ सरकार की बेरुखी बर्दाश्त नहीं कि जाएगी और काँग्रेस इसके खिलाफ कड़ी मुहिम प्रदेश के अंदर शुरू करेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायक क्षेत्रों में सभी कार्य विधायक निधि से किया जा रहा है। सरकार की ओर से किसी भी प्रकार का सहयोग नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सीएम जयराम ठाकुर का कहना है कि सरकार पक्ष-विपक्ष को साथ लेकर चल रही है लेकिन इनके ही मंत्री अभी नेता बनने की कतार में खड़े हैं।
कांग्रेस पार्टी के लगाए गए फीतो को ही काट रही सरकार :
उन्होंने कहा कि सरकार अपने अढ़ाई साल पूरे कर चुकी है और अगले अढ़ाई साल कोरोना-कोरोना करके निकल जाना है। इस समय किसी भी विभाग के टेंडर नहीं लग रहे हैं। उन्होंने कहा की वीरभद्र सरकार में जो कार्य शुरू किए गए हैं भाजपा उन्हीं के फीते काट रही है। वर्तमान में एक भी उपलब्धि सरकार की नहीं है। उनके पास पैसा भी नहीं है और जो 900 करोड़ रुपये मिले हैं यह पैसा 15 वित्त आयोग से मिला है। यह न केंद्र सरकार की सौगात है न यह प्रदेश सरकार की कोई उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि यह परफॉर्मेंस पर आधारित है। इसको सरकार अपनी उपलब्धि न माने।
हर फ्रंट पर जनता बेहाल :
इसके अलावा उन्होंने टूरिज्म और बागवान मुद्दों को लेकर असंतुष्टि जताई। उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश टूरिज्म उद्योग को समर्थन देने में विफल हुई है। एसओपी देने के बावजूद भी होटल व्यवसायी होटल खोलने के लिए मना कर चुके हैं। युवा नेता विक्रमादित्य ने कहा कि यही हाल बागवानों का भी है साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में स्कूल फीस को लेकर अभिभावकों की चिंता भी बढ़ गई है और जनता की समस्याओं को हल करने की जगह सरकार राजनीति कर रही है।