नई दिल्ली| आधार पर आज सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला लिया है। मुख्य न्यायधीश दीपक मिश्रा के नेतृत्व वाली पांच न्यायधीशों की संविधान पीठ ने अपने फैसले में आधार को पैन कार्ड व राशन कार्ड बनाने, आयकर रिटर्न भरने और सरकारी सब्सिडी व योजनाओं का फायदा उठाने के लिए जरूरी बताया। वहीं, बैक में खाता खोलने और मोबाइल फोन कनेक्शन लेने के लिए आधार अनिवार्य नहीं होगा।
इसके अलावा स्कूल में एडमिशन और सीबीएससी, नीट, यूजीसी एग्जाम के लिए भी आधार जरूरी नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने आधार एक्ट से जुड़े सेक्शन 57 को भी हटा दिया है। इसलिए अब कोई भी प्राइवेट कंपनी अपने कर्मचारियों से आधार नंबर नहीं मांग सकेगी। सुप्रीम कोर्ट ने माना कि आधार आम आदमी की पहचान है। ये अन्य पहचान प्रमाणों से भी अलग है क्योंकि इसका डुप्लिकेट नहीं बनाया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मौलिक अधिकारों पर भी कुछ बैन लग सकता है। अगर किसी व्यक्ति का डाटा किसी को दें तो उसे बताएं। आधार प्राइवेसी में दखल तो है पर जरूरत को भी देखना है।
कोर्ट की इजाजत के बिना सरकार नहीं कर सकती बायॉमीट्रिक डाटा को शेयर
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार बायॉमीट्रिक डाटा को राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर कोर्ट की इजाजत के बिना किसी और एजेंसी से शेयर नहीं करेगी। कोर्ट ने केंद्र को हिदायत भी दी है कि सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि अवैध प्रवासियों को आधार कार्ड न मिले। आयकर विभाग की रिपोर्ट अनुसार अब तक लगभग 21 करोड़ पैन कार्ड आधार कार्ड से जुड़ चुके हैं।