राज्य सरकार द्वारा वेंटिलेटर को लेकर एचपीएसईडीसी पर झूठे आरोप लगाने वालों पर कड़ी कार्यवाही करते हुए एफआईआर दर्ज कर दी गई है साथ ही साजिश में शामिल लोगों के खिलाफ भी जल्द ही कार्यवाही करने जा रही है। यह बात आज सरकारी प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताई।
उन्होंने ने जानकारी देते हुए बताया कि हिमाचल प्रदेश राज्य इलेक्ट्राॅनिक्स विकास निगम की छवि खराब करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इन लोगों ने निगम पर सब-स्टैंडर्ड और कम कीमत के वेंटिलेटर मंहगे दामों पर खरीदने के झूठे व निराधार आरोप लगाए हैं। आरोपों में कहा है कि निगम द्वारा यह वेंटिलेटर 10,29,840 रुपये प्रति यूनिट की दर से खरीदे गए है, जबकि निजी क्षेत्र में इनकी कीमत 3,50,000 रुपये है।
प्रवक्ता ने कहा कि एचपीएसईडीसी द्वारा वेंटिलेटर की ऐसी कोई खरीद नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस तरह के झूठे आरोप बिल्कुल भी सहन नहीं करेगी। इसलिए, उन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, जिन्होंने एचपीएसईडीसी पर झूठे आरोप लगाए हैं। इस साजिश में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाएं निदेशालय के स्तर पर वेंटिलेटर की खरीद के लिए विभिन्न समितियों का गठन किया गया था। उन्होंने कहा कि वेंटिलेटर की खरीद से पहले वेंटिलेटर की दरों और मानकों का अध्ययन जीईएम पोर्टल पर किया गया था। इसके अलावा, समिति ने अन्य राज्यों द्वारा वेंटिलेटर की खरीद के लिए अपनाई गई प्रक्रिया का भी अध्ययन किया था। उन्होंने कहा कि वेंटिलेटर दरों और तकनीकी मानकों को ध्यान में रखते हुए खरीदे गए थे। वेंटिलेटर की खरीद में पारदर्शिता का पूरा पालन किया गया है।