एसएमसी अध्यापकों ने आज पत्रकार वार्ता में जयराम सरकार को तीन दिन का अल्टीमेटम दे दिया है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार ने तीन दिन के भीतर एसएमसी अध्यापकों के हित में जल्द ही कोई निर्णय नहीं लिया तो अध्यापक वर्ग कड़ा कदम उठाने पर विवश होगा। उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर से उम्मीद जताई है कि जल्द ही सरकार एसएमसी अध्यापकों के हित में कोई उचित निर्णय लेगी और अध्यापक वर्ग की परेशानियों को समझ कर जल्द ही राहत प्रदान करेगी।
प्रबंधक व प्रवक्ता राजेश भारत ने कहा कि पिछले 8 वर्षों से लगभग 2600 अध्यापक हिमाचल प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों में शिक्षा प्रदान करने का कार्य कर रहे हैं और आज एसएमसी अध्यापकों की सेवाओं को नजरअंदाज किया जा रहा है यह निराशाजनक है उन्होंने कहा कि आज उच्च न्यायालय द्वारा एसएमसी अध्यापकों की नियुक्तियों को रद्द करना बेहद दुःखद है। इससे 2600 परिवार सड़क पर आ गए हैं। उन्हें पिछले आठ महीने से वेतन भी नहीं मिला है। ऐसे में उन्हें अपने परिवार का पालन पोषण करना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने अपनी वेदना व्यक्त करते हुए कहा कि आज न केवल 2600 अध्यापक सड़क पर आ गए हैं बल्कि उनके साथ ही उनके परिवार वाले भी सड़क पर आ गए हैं। उन्होंने कहा कि अधिक्तर अध्यापक आर्थिक तंगी के चलते आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं और उन्हें अपना जीवन समाप्त करने के संदेश भेज रहे हैं। ऐसे में संघ के पास सीएम जयराम और शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर से गुहार लगाने के अलावा कोई अंतिम रास्ता नहीं बच जाता है। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार तीन दिन के भीतर अपना निर्णय ले लें और कानूनी सहायता से कोई विकल्प निकाल कर उनके हितों की रक्षा करें।वहीं राज्याध्यक्ष मनोज ने कहा कि एसएमसी अध्यापक पिछले आठ वर्षों से लगातार प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों में शिक्षण के अलावा अन्य सामाजिक सेवाएं भी दे रहे हैं । उन्होंने कहा कि आज शिक्षकों की नियुक्तियों को रद्द किए जाने से शिक्षक मानसिक रूप से प्रताड़ना झेल रहे हैं।उन्होंने कहा कि अब उन्हें सिर्फ सरकार से ही उम्मीद है। उन्होंने कहा कि हमारे पास पाने के लिए बहुत कुछ है लेकिन खोने के लिए कुछ भी नहीं ।