एसएफआई राज्य कमेटी ने आज हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय परिसर में प्रदर्शन किया। एसएफआई ने विश्वविद्यालय की स्थापना दिवस के अवसर पर अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी की। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार कोरोना महामारी का फायदा उठा रही है। जनता जो पहले से ही कोरोना संकट के चलते आर्थिक संकट से जूझ रही है उस पर अनावश्यक रूप से बसों के किराये में वृद्धि कर और परेशानी बढ़ा दी है। एसएफआई छात्र संगठन ने जयराम सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए शिक्षण क्षेत्र में शिक्षा पर 18 %जीएसटी बढ़ाने का विरोध किया साथ ही कहा कि पिछले तीन सालों से छात्रों को छात्रवृत्ति भी नहीं दी जा रही है।
एसएफआई राज्य कमेटी ने कोरोना महामारी के चलते आगामी परीक्षाओं को रद्द करने की मांग की। उनका कहना है कि महामारी के चलते परीक्षाएं करवाना छात्रों के जीवन को संकट में डाल सकता है। कमेटी ने यूजीसी से मांग करते हुए कहा कि यूजीसी छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उनको अगली कक्षाओं में प्रमोट करने का निर्णय लें।
इसके अलावा एसएफआई राज्य कमेटी ने सरकार द्वारा बस किराया वृद्धि का भी जमकर विरोध किया क्योंकि किराया बढ़ने से सबसे ज्यादा मार छात्रों पर पड़ेगी क्योंकि उनके बस पास महंगे हो जाएंगे और प्रदेश के दूरदराज के क्षेत्रों से बहुत से ऐसे छात्र हैं जो गरीब या मध्यम वर्गीय परिवारों सेेेेेेेे संबंध रखते हैं जो बसों से आना-जाना करना पड़ता है। ऐसे में इन छात्रों और इनके परिवारों पर आर्थिक बोझ की मार पड़ेगी।एसएफआई राज्य कमेटी ने मांग की है कि हिमाचल प्रदेश में फर्जी डिग्री को लेकर जिन शिक्षण संस्थानों का नाम शुरुआती जांच में आया है उनकी मान्यता शीघ्र प्रभाव से रद्द की जाए और इसके अलावा बीएड छात्रों को प्रदेश सरकार द्वारा जेबीटी टीचर के रूप में नियुक्ति की अनुमति दी गई ,इन नियुक्तियों का भी विरोध करते हुए उन्होंने कहा कि जेबीटी छात्रों के साथ अन्याय होगा। एसएफआई ने मांग की जेबीटी प्रशिक्षुओं को न्याय दिया जाए ।
इस मौके पर कमेटी के राज्ययसचिव अमित ठाकुुर ने कहा प्रदेश सरकार द्वारा किराया बढ़ाने को लेकर और छात्रों की समस्याओं को लेकर एसएफआई द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कमेटी ने राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय और शिक्षामंत्री सुरेश भारद्वाज को छात्रों की समस्याओं और अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन भी सौंपा। उन्होंनेे चेताया कि अगर राज्य सरकार द्वारा उनकी मांगों को नहींं माना गया तो एसएफआई उग्र आंदोलन करेगी।
एसएफआई राज्य कमेटी का विवि परिसर में धरना प्रदर्शन
राज्यपाल और शिक्षामंत्री को छात्र समस्याओं और मांगो से संबंधित सौंपा ज्ञापन