नाहन : अब लोगों को कोरोना सैंपल की रिपोर्ट के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। सिर्फ 20 मिनट के भीतर ही कोरोना सैंपल की रिपोर्ट मिल जाएगी। जल्द ही स्वास्थ्य महकमा रेपिड एंटीजन टेस्ट की सुविधा शुरू कर रहा है। इस नई तकनीक से टेस्ट की सुविधा सभी अस्पतालों में उपलब्ध होगी। फिलहाल अभी कोरोना की जांच के लिए आरटी-पीसीआर से टेस्ट लिए जा रहे हैं। इस टेस्ट की रिपोर्ट के लिए मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ता है। तकरीबन पूरा दिन इस सैंपल की रिपोर्ट में लग जाता है। इस वजह से संभावित संक्रमित तब तक कई लोगों के संपर्क में आ चुका होता है। यही कारण है कि कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। जब लोगों को टेस्ट के दौरान ही सैंपल की रिपोर्ट मिलेगी तो संक्रमित को तुरंत ही होम आईसोलेट अथवा कोविड केयर सेंटर भेजने की व्यवस्था की जाएगी। इस खास तकनीक के प्रयोग के बाद सिरमौर में कोरोना संक्रमण का खतरा काफी कम हो जाएगा। बता दें कि प्रदेश में कोरोना की रफ्तार दिनोंदिन बढ़ रही है। कोरोना की बढ़ती रफ्तार पर काबू पाना न केवल स्वास्थ्य महकमे के लिए चुनौती भरा है बल्कि जिला प्रशासन भी इसका सामना कर रहा है। उधर, सीएमओ सिरमौर डॉ. केके पराशर ने बताया कि रेपिड एंटीजन टेस्ट की सुविधा जल्द शुरू होगी। कोरोना से संबंधित रिपोर्ट 15 से 20 मिनट में आ जाएगी। रेपिड एंटीजन टेस्ट किट मिल चुकी हैं। टेस्ट शुरू किए जा रहे हैं।
यहां समझिये दोनों टेस्ट में क्या है अंतर:
आरटी-पीसीआर टेस्ट में वायरस के आरएनए की जांच की जाती है। इसमें नाक एवं गले के तालू से स्वैब लिया जाता है। ये टेस्ट लैब में ही किए जाते हैं। इसके सैंपल की रिपोर्ट में 12 से 16 घंटे का समय लगता है। जबकि, टेस्टिंग की इस पद्धति की विश्वसनीयता लगभग 60 फीसदी तक मानी गई है। कोरोना संक्रमण के बाद भी टेस्ट निगेटिव आ सकता है। वहीं , रैपिड एंटीजन टेस्ट की तकनीक में व्यक्ति की नाक की दोनों तरफ़ से फ्लूइड का सैंपल लिया जाता है। लैब में टेस्टिंग के दौरान यदि स्ट्रिप पर एक लाइन आती है तो इसका मतलब निगेटिव होता है। लेकिन, उसे पुख्ता तौर पर निगेटिव नहीं माना जा सकता। कन्फर्म करने के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट ज़रूरी होता है। अगर दो लाल लकीर दिखाई देती हैं तो इसका मतलब व्यक्ति पॉजिटिव है जिसको पुख्ता तौर पर पॉजिटिव मान लिया जाएगा। इसमें पाजिटिव आए टेस्ट की विश्वसनीयता 100 फीसदी मानी गई है।