कोरोना काल में प्राइवेट बस ड्राइवर-कंडक्टर्स को वेतन नहीं मिला है ,जिस कारण उन्हें आर्थिक तंगी की परेशानियों को झेलना पड़ रहा है। परेशानी से त्रस्त प्राइवेट मिनी बस चालक परिचालक संघ शिमला ने ऑपरेटर्स के खिलाफ मोर्चा खोलने की चेतावानी दे दी है। आज इसी के चलते प्रदेश भर के निजी बस चालको ने परिवहन निगम के निदेशक को ज्ञापन सौंपा और बस ऑपरेटर्स को दिशा निर्देश जारी करने की मांग रखी। चालकों का कहना है कि कोरोना संकट में चालक परिचालकों बेरोजगार थे और उनकी कमाई का कोई भी साधना नहीं था लेकिन इस दौरान बस मालिकों ने किसी भी चालक परिचालक को कोई वेतन नहीं दिया न ही किसी प्रकार की कोई आर्थिक सहायता ही कि जबकि वे लोग सालों से इनके लिए बसें चलाते आ रहे थे और मुनाफा कमा कर दे रहे थे। लेकिन कोरोना काल की इस वैश्विक महामारी के संकट के चलते कोई ऑपरेटर मदद के लिए आगे नहीं आया ।
संघ का कहना है कि बस ऑपरेटर ने कोविड फंड में राशि दी लेकिन अपने कर्मियों को वेतन नहीं दिया । उन्होंने जल्द वेतन देने की मांग करते हुए चेतावनी दी है कि अगर बस ऑपरेटर्स जल्द वेतन नहीं देते हैं तो चालक-परिचालक सड़कों पर उतर प्रदर्शन करेंगे।