
बस किराया वृद्धि को लेकर विरोध जारी है। प्रदेश भर में सरकार के इस फैसले के खिलाफ जमकर धरना प्रदर्शन और चक्का जाम किया जा रहा है। विपक्ष की कांग्रेस सरकार और वामपंथ दल द्वारा लगातार सरकार पर बसों के किरायों में बढ़ोतरी के उसके निर्णय को वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है। वहीं हिमाचल प्रदेश निजी बस ऑपरेटर्स संघ ने भी अब इन विरोधों के खिलाफ कमर कस ली है। संघ ने किराया वृद्धि को लेकर धरना प्रदर्शन करने वाले राजनैतिक दलों को उनकी रैलियों में अपनी बसें ना देने का ऐलान किया है।
निजी बस ऑपरेटर्स भी झेल रहे कोरोना संकट की मार:
आज जारी एक बयान में हिमाचल प्रदेश निजी बस ऑपरेटर संघ के प्रदेश महासचिव रमेश कमल ने कहा कि कांग्रेस और वामपंथियों का निजी बस ऑपरेटर्स के खिलाफ सड़कों पर उतरना उचित नहीं है। उनके विरोध से ऐसा प्रतीत होता है कि निजी बस ऑपरेटर्स प्रदेश के नहीं बल्कि चीन या पाकिस्तान के नागरिक हैं । उन्होंने कहा कि निजी बस चालक भी कोरोना संकट की मार झेल रहे हैं। उन्हें भी आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में कांग्रेसी एवं वामपंथियों का विरोध बिल्कुल ही गलत है।
मिलजुल कर चलना सभी की जिम्मेदारी:
सरकार द्वारा निजी बस ऑपरेटर्स को मजबूरी में नाम मात्र की राहत दी गई है। सरकार का डीजल और पेट्रोल पर टैक्स लगाने के पीछे भी आर्थिक मजबूरी ह क्योंकि सरकार को देश भी चलाना है और जनता को भी देखना है। ऐसे में सभी की जिम्मेदारी है कि कोरोना महामारी के इस कठिन दौर में सभी मिलजुल कर चलें।
विरोध करने वाली पार्टी का चुनावों में किया जाएगा बहिष्कार:

राज्य महासचिव रमेश कमल ने विरोध करने पर आमादा कांग्रेस एवं वामपंथ दलों को चेताया कि निजी बस ऑपरेटर्स का विरोध करना बंद नहीं किया तो भविष्य में होने वाले चुनावों में उस राजनैतिक दल का हिमाचल प्रदेश निजी बस ऑपरेटर्स बहिष्कार करेंगे। साथ ही इनकी राजनैतिक चुनावी रैलियों में भी अपनी बसें न भेजने का एलान किया है।
सरकार के साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़ा रहेगा संघ :
उन्होंने कहा कि पंजाब में कांग्रेस की सरकार है और पंजाब सरकार ने भी किराए में बढ़ोतरी की है। वहां पर न्यूनतम किराया 10 रुपये है जबकि हिमाचल प्रदेश सरकार में 7 रुपये है। रमेश कमल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के निजी बस ऑपरेटर्स प्रदेश सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है और भविष्य में भी सरकार के जो भी आदेश होंगे संघ द्वारा उसका पूर्ण रूप से पालन किया जाएगा।