निजी बस ऑपरेटर्स संघ का जनता से आग्रह ..रोजी रोटी कमाने में करें हमारी मदद

संघ ने किया सरकार के हर फैसले का स्वागत ,कहा..नहीं कर रहें है कोई आंदोलन

0
546


परिवहन विभाग ने अनलॉक-2 में प्रदेश में सौ प्रतिशत सवारियों के साथ बसें चलाने का निर्णय लिया है। इससे पहले अनलॉक-1 में विभाग ने 60 प्रतिशत सवारियों के साथ बसें चलाने का निर्णय लिया था और अब प्रदेश सरकार ने परिवहन विभाग से बैठक कर 100 %क्षमता के साथ बस चलाने का निर्णय लिया है। बावजूद इसके निजी बस ऑपरेटर्स अपनी बसों को खड़ी रखने के निर्णय पर मजबूर हैं। संघ ने लोगों से सहायता का आग्रह करते हुए कहा कि जनता कोरोना महामारी में हमें ,हमारे चालक-परिचालकों को अपनी रोजी रोटी कमाने में मदद करें।

संघ को सरकार के दिशा-निर्देशों का इंतजार:

हांलाकि निजी बस ऑपरेटर्स ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है और कहा कि वे सभी सरकार के हर फैसले में साथ हैं लेकिन निजी बस ऑपरेटर्स ने अभी भी बसों को न चलाने का अपना फैसला कायम रखा हुआ है। उनका कहना है कि कोरोना माहमारी के चलते लोग ऐतिहातन अपने घरों से कम ही निकल रहे हैं और जो निकल भी रहे हैं वे लोग पैदल ही आना जाना कर रहे हैं। 60 % सवारियों के साथ बसें चलाने पर भी घाटा हो रहा था । 10 -20 % लोग ही बसों में सफर कर रहे थे और 100 %के साथ भी मुनाफे की उम्मीद नहीं है। साथ ही अभी निजी ऑपरेटर्स सरकार की ओर से अधिसूचना जारी होने पर दिशा-निर्देशों का इंतजार कर रहे हैं।

सरकार के हर फैसले के साथ संघ:

रमेश कमल प्रदेश महासचिव निजी बस ऑपरेटर्स संघ ने सरकार के खिलाफ खड़े होने की खबर का खंडन करते हुए कहा कि संघ सरकार के साथ खड़ा हुआ है और किसी प्रकार का न ही कोई आंदोलन कर रहा है और न ही किसी प्रकार की कोई हड़ताल कर रहा है। उन्होंने कहा कि बसें खड़ी करने का कारण केवल बसों की लागत पूरी न होना है। उन्होंने कहा कि 10 -20 % क्षमता के साथ बस चलाने से नुकसान होगा और पेट्रोल डीजल के दाम भी पूरे नहीं होंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि किराया बढ़ने से किसी प्रकार का कोई बोझ नहीं बढ़ेगा जबकि पेट्रोल-डीजल, बिजली और पानी के दाम बढ़ रहे हैं।

जनता से आग्रह, करें सहायता:

महासचिव रमेश कमल ने लोगों से सहायता का आग्रह करते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी के समय पर हमारी रोजी-रोटी कमाने में सहायता करें ताकि चालक-परिचालकों का रोजगार भी बचा रह सके। महामारी के कारण बसों के चालक-परिचालक भी आर्थिक परेशानी झेल रहे हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here