
प्रदेश में आगजनी की बढ़ती हुई घटनाओं को देखते हुए शिमला पुलिस ने आज एक एडवाइजरी जारी की है ताकि आगजनी की घटनाओं को रोका जा सके। पिछले कुछ वर्षों से रोहडू उपमण्डल के चिढंगाव,रोहडू व जुब्बल क्षेत्र में आगजनी की घटनाओं में अत्यधिक वृद्धि हुई है। चिढगांव व रोहडू में आए दिन कहीं न कहीं गांव,जंगलों, बगीचों, घासनियों में आग लगने की घटनाएं घटित हो रही है जो अत्यंत चिंता का विषय है। अधिकतर आग की घटनाएं हमारी स्वयं की लापरवाही से होती है जो अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। इस प्रकार की लापरवाही से न केवल संपति का नुकसान हुआ है बल्कि हमारे कई अपनों की जान भी गई हैं। पुनरावृत्त होती इस तरह की कई घटनाओं में लोगों के द्वारा कड़ी मेहनत से तैयार किए गए मकान,बगीचों व मवेशियों का भारी नुकसान हो रहा है । हमारा ये क्षेत्र पहाड़ी क्षेत्र है और पूर्वजों के समय से बने हमारे घरों में लकडी का बहुत प्रयोग होता है। इस सुखी लकड़ी के कारण हल्की चिंगारी भी भयानक रुप धारण कर लेती है साथ में क्योंकि हमारे क्षेत्र के बड़े-बड़े गांव में मकान अत्यंत घने तौर पर बने हुए है जिससे एक छोटी सी चिंगारी पूरे गांव को तबाह कर देती है। इस प्रकार की घटनाओं से बचने के लिए शिमला पुलिस ने एक एडवाइजरी जारी की है ताकि इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृति न हो सके ।
एडवाइजरी में लोगों से पुलिस ने अपील करते हुए कहा है कि अपने घरों में पुरानी बिजली की तारों की रिपेयर करवाएं तथा अच्छी किस्म की तारों का प्रयोग करें ताकि किसी तरह का शार्टसर्किट न हो सकें। आज कल आधुनिक तरीके के उपकरण बाजार में उपलब्ध है शार्टसर्किट के खतरे को निष्क्रिय करते हैं। जैसे कि फायर अलार्म और स्मोक डिटेक्टर आदि ।अपने घरों में लकड़ी और कोयले की अगींठी न जलाएं क्योंकि कई बार हम लोग आग का ताप लेकर सो जाते है और अगीठीं जलती रहती है। कई बार उससे निकली चिगांरी भी घर को नुकसान पहुंचा सकती है। इसके अतिरिक्त कोयले से निकलने वाली कार्बन-मोनोऑक्साईड गैस से व्यक्ति एकदम निष्क्रिय होकर मर सकता है। अतः इस प्रकार की अंगीठी को सोने से पूर्व बुझाकर घर से बाहर रख दें व प्रयोग के दौरान वायु प्रवाह के लिए खिड़की को थोड़ा खुला रखें। अपने घरों में सुखी घास, जंगलों व ज्वलनशील पदार्थों के पास धुम्रपान न करें। धूम्रपान कर ही रहे हैं तो जले हुए माचिस की तीली व बीड़ी-सिगरेट के जले हुए टुकडों को लापरवाही से इधर-उधर न फेंके तथा इन्हें ठीक से बुझाना सुनिश्चित करें। घास काटने के बाद आग न लगाएं। अक्सर यह आग हवा के साथ तेज़ी से फैल जाती है जिसमें नियन्त्रण नहीं रहता जिससे अत्यधिक नुकसान होता है और आग फैलते-फैलते गांव तक आ सकती है। अपने घरों में ज्वलनशील पदार्थों को जैसे की मिट्टी का तेल,पैट्रोल आदि को घर से बाहर एक सुरक्षित जगह रखें। उपयोग के बाद गैस चूल्हे को ठीक से बंदकरना सुनिश्चित करें और सिलेंडर को रैगुलेटर से ऑफ करें। अपने-अपने घरों में लगे फायर एक्सटिंगुइशर लगाएं तथा इसकी वैधता अवधि को चैक करतें रहें। अपने-अपने घरों के आस-पास छोटा पानी का टैंक बनाए। जगह न होने पर गांव के बाहर खाली जगह पर टैंक बनाएं ताकि आपत्कालीन स्थिति में इसका फायदा उठाया जा सके ।
शिमला पुलिस ने एडवाइजरी में जनता से अपील करते हुए कहा सब मिलकर आगजनी की घटना को रोकने का अलख जगाएं ताकि हमारे पूर्वजों द्वारा मकानों के रूप में निर्मित धरोहरों को बचाया जा सके।