लॉक डाउन-3 के खत्म होने के बाद की रणनीति और अर्थव्यवस्था को गति देने के अहम मुद्दों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दोपहर तीन बजे सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक करेंगे। इसके अलावा बैठक में कोविड-19 के रेड जोन को ऑरेंज जोन या ग्रीन जोन में बदलने के सुझावों पर भी विशेष चर्चा की जाएगी। कोरोना महामारी के संक्रमण को रोकने के लिए देश में 24 मार्च से लॉक डाउन चल रहा है जिस कारण देश की आर्थिक गतिविधियों के साथ ही अन्य सामाजिक गतिविधियां भी ठप्प पड़ गई हैं। इस समय देश के सामने सबसे बड़ी चुनौती अपनी जनता को कोरोना वायरस से बचाना है। केंद्र सरकार आर्थिक गतिविधियों के साथ ही लोगों की सुरक्षा के उपायों पर लगातार मंथन करती आ रही है। इन्हीं मुद्दों पर आज फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मुखातिब होंगे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये यह उनकी पांचवी बैठक है। इस दौरान सभी मुख्यमंत्री अपने राज्यों की स्तिथि की जानकारी देंगे और कोरोना संक्रमण से निपटने के अपने-अपने सुझाव भी रखेंगे।
इससे पहले यह बैठक 27 अप्रैल को हुई थी। इस बैठक में लॉक डाउन के तीसरे चरण को लागू करने के लिए सभी मुख्यमंत्रियों ने एकमतता प्रकट की थी। 17 मई तक लॉक डाउन की घोषणा के साथ ही विशेष शर्तों के साथ गृहमंत्रालय ने आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने के मद्देनजर कार्यालय, दुकानें और अन्य आर्थिक उद्योगों को खोलने की अनुमति दी थी, साथ ही लोगों को अन्य राज्यों से आने-जाने की छूट भी दी गई थी। राज्य सरकारों ने भी आपसी समन्वय से लोगों की आवाजाही को लेकर प्रयास किए। इस दौरान कई राज्यों ने हाल ही में श्रम कानून के नियमों को उदार बनाया है, ताकि कार्यालयों और फैक्ट्रियों में सीमित कर्मचारियों के साथ अलग-अलग शिफ्ट में काम करने की छूट भी गई ताकि औद्योगिक गतिविधियों में तेजी लाई जा सके।
अब इस पांचवीं बैठक में लॉक डाउन को लेकर क्या अंतिम निर्णय लिए जाते हैं यह महत्वपूर्ण रहेगा लेकिन अगर बात करें लॉक डाउन के तीसरे चरण की तो इसके बाद से कोरोना संक्रमितों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है। देश में कोरोना का स्पीडोमीटर बढ़ कर 67152 से ऊपर पहुंच चुका है। पिछले 24 घंटे में 4213 नए कोरोना मामलें दर्ज किए हैं जबकि मृत्यु का ग्राफ भी बढ़ा है। अब तक 2200 से ज्यादा लोग अपनी जान से हाथ धो बैठें हैं।अब बैठक से पहले ही देश में लॉक डाउन में और अधिक रियायत देने के कयास लगाए जा रहे हैं। देश में दिल्ली से ट्रेने चलाए जाने के आदेश तो दे भी दिए गए हैं।
ऐसे में कोरोना संक्रमण के मामलों ने निसंदेह इजाफा तो होगा ही इन सब परिस्थितियों के मद्देनजर औद्योगिक गतिविधियों को फिर से शुरू करना केंद्र के साथ राज्य सरकारों के लिए एक चुनौती भरा कदम रहेगा।