प्रदेश में लॉक डाउन में भी लगातार सड़क हादसों की संख्या बढ़ी है और अब तक हुई सड़क दुर्घटनाओं में 21 लोग अपनी जान से हाथ धो बैठें हैं। जबकि इन दिनों सड़कें खाली हैं और दुर्घटनाओं की संभावनाएं बहुत कम हैं। जे.एम पठानिया निदेशक परिवहन निगम के मुताबिक इस वर्ष की तुलना में पिछले वर्ष इन दिनों हादसों का अनुपात कम था और मरने वालों का आंकड़ा 258 था जबकि लॉक डाउन के 57 दिन के भीतर ही 21 लोगों की मृत्यु हो चुकी है।
कोरोना संकट के चलते देश सहित पूरे प्रदेश में लॉक डाउन लगाया गया जिसके चलते सामाजिक,आर्थिक सहित यातायात गतिविधियों पर भी पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया। लॉक डाउन के प्रारंभिक चरण में पूरे देश में सिर्फ आवश्यक गाड़ियों की आवाजाही को छूट दी गई थी लेकिन दूसरे और तीसरे चरण में भी पास के साथ ही छूट दी गई। सड़क पर 5% यातायात के चलने के बावजूद सड़क हादसे हुए हैं जो कि गंभीर स्तिथि है। लॉक डाउन के कारण सड़कें खाली हैं,कुछ ही गाड़ियां सड़कों पर दौड़ रही है फिर भी इन खाली पड़ी सड़कों पर हादसों की खबर प्रदेश भर से आ रही है जबकि व्यस्त सड़कों पर हादसों की संभावनाएं अधिक रहती है।
तेज गति बनी दुर्घटना का कारण:
जे.एम पठानिया निदेशक परिवहन निगम ने वाहनों की तेज गति को सड़क हादसों का कारण बताते हुए कहा कि सड़कों पर यातायात न चलने से गाड़ियां बहुत कम थी। जिसके कारण सड़कें खाली थी ऐसे में लोगों ने अपनी गाड़ियों की स्पीड बहुत तेज रखी जो कि हादसों का कारण बनी और वे अपनी जान से हाथ धो बैठें।