
राजधानी शिमला में एनएसयूआई छात्र इकाई ने आज बड़ी संख्या में इकट्ठा होकर मुख्यमंत्री आवास का घेराव कर सरकार के खिलाफ हल्ला बोला और जमकर नारेबाजी की। एनएसयूआई इकाई ने रोष प्रदर्शन करते हुए सरकार पर कोरोना काल में छात्र विरोधी निर्णय लेने के आरोप लगाए। एनएसयूआई ने कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन से लेकर मुख्यमंत्री आवास तक रैली निकाली और मुख्यमंत्री आवास का घेराव कर अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा।
एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन ने आरोप लगाया कि प्रदेश की सरकार सत्ता के नशे में चूर होकर छात्र विरोधी निर्णय ले रही है। जिसके खिलाफ एनएसयूआई आंदोलनरत है। उन्होंने कहा आज मुख्यमंत्री आवास का घेराव कर सोई हुई सरकार को जगाने की कोशिश की गई है। साथ ही एनएसयूआई ने सरकार के समक्ष अपनी मांग रखते हुए ज्ञापन सौंपा जिसमें सरकारी-गैर सरकारी स्कूल, कॉलेज , विश्वविद्यालयों और सभी व्यवसायिक शिक्षण संस्थानों के छात्रों की 6 महीने की फीस माफ करने की मांग प्रमुखता से उठाई। प्रथम और द्वितीय सत्र के छात्रों को उनके पिछले परफॉर्मेंस के आधार पर अगली कक्षा में प्रमोट किए जाने और कोरोना महामारी के दौर में स्कूलों को खोलने के फैसले को वापस लेने की भी मांग की। इसके अलावा कॉलेज और यूनिवर्सिटी के छात्रों की समस्याओं के समाधान के लिए ऑनलाइन छात्र शिकायत निवारण पोर्टल बनाए जाने की भी मांग की। एनएसयूआई ने मांग की कि शिक्षण संस्थानों का भगवाकरण और निजीकरण पर तुरंत रोक लगाई जाए। इसके अलावा छात्र संगठन ने किसान विरोधी बिल को भी वापस लेने मांग की ।
इस मौके पर राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन, प्रदेशाध्यक्ष छत्तर ठाकुर, प्रदेश संगठन महासचिव मनोज चौहान सहित बलविन्दर बल्लु, विनय हेटा, सचिन मिरुपा, मोहित ठाकुर, प्रतीक, वीनू मेहता, प्रवीण मिन्हास, टोनी, अभिषेक, असलम, धनवीर, योगी, पुनीत, रूबल, विशाल, यासीन भट्ट, सिया मिनोचा, कृतिका, सोनिया भागटा के अलावा प्रदेश के सभी जिलों से कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।