हिमाचल प्रदेश के विभिन्न विभागों में कार्यरत न्यू पेंशन स्कीम के कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाली को लेकर शिमला में जिलाउपायुक्त कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाज़ी की और पुरानी पेंशन बहाली की मांग उठाई। संघ ने कहा कि 15 मई 2003 के बाद सरकारी सेवाओं में नियुक्त किए गए कर्मचारियों के लिए पेंशन का प्रावधान नहीं है जबकि वहीं नेताओं की पेंशन को अभी भी ओपीएस की तर्ज़ पर पेंशन की सुविधा दी जा रही है।
न्यू पेंशन स्कीम महासंघ के जिला अध्यक्ष कुशाल शर्मा ने कहा कि सरकार ने 2003 से पेंशन बंद कर दी है। सरकार के इस कदम के विरुद्ध लगातार धरना प्रदर्शन किए जा रहे हैं फिर भी सरकार ने अभी तक पुरानी पेंशन बहाल नहीं की है और वहीं राज्य सरकार इसे केंद्र का मुद्दा बता कर पल्ला झाड़ रही है। राज्य सरकार पिछले दो सालों से लगातार मात्र आश्वासन दिए जा रही है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार केंद्र सरकार द्वारा 2009 को जारी अधिसूचना को लागू नहीं कर रही है। इस न्यू पेंशन के तहत कर्मचारियों को निधन और अपंगता की स्थिति में पेंशन देने का प्रावधान किया गया है लेकिन हिमाचल सरकार इसे लागू नहीं किया जा रहा। उन्होंने कहा कि पेंशन न मिलने के कारण सरकारी विभाग के कर्मचारियों की हालात बद से बदहाल होते जा रहे हैं। उन्होंने राज्य में पुरानी पेंशन बहाली की मांग करते हुए कहा कि देश सेवा के लिए संकल्पित नेता और विधायक ओपीएस के तहत पेंशन की सुविधा का लाभ उठा रहे हैं और कर्मचारियों को एनपीएस के दायरे में रखा गया है।
कुशाल शर्मा ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार ने जल्द से जल्द पुरानी पेंशन बहाल नहीं कि तो संघ देश-प्रदेश में कड़ा आंदोलन किया जाएगा।