सरकार ने रोया बजट का रोना तो एनपीसीए ने स्वयं करवाया कर्मचारियों का इंश्योरेंस

दिवंगत कर्मचारियों के परिवारों की दुर्गति देख एनपीसीए ने लांच की ग्रुप इंसुरेंश स्कीम

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सुंदरनगर: नई पेंशन स्कीम कर्मचारी एसोसिएशन ने सेवा के दौरान कर्मचारी की मौत होने पर सरकार की अनदेखी पर अब अपने कर्मचारियों के परिवारों की दुर्गति को देखते हुए एलआईसी से करार कर ग्रुप इंश्योरेंस स्कीम लांच की है। जानकारी देते हुए एसोसिएशन के राज्याध्यक्ष प्रदीप ठाकुर ने बताया कि इस योजना के तहत 18 से 58 साल का कोई भी कर्मचारी साल में एक बार मात्र एक हजार से 1200 रुपए देकर इस योजना से जुड़ सकता है। जिसके तहत कर्मचारी का 5 लाख का बीमा कवर एक साल के लिए रहेगा जो उसकी सामान्य हालात में मृत्यु पर भी परिवार को मिलेगा।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार एनपीएस कर्मचारी की सेवा के दौरान मृत्यु पर परिवार को पेंशन का लाभ 2009 से दे रहा है। लेकिन हिमाचल सरकार ने हर बार इस लाभ की मांग करने पर बजट का रोना रोया है। यहांं तक विधानसभा में भी इस लाभ को प्रदान करने पर कई बार सवाल हुए पर सरकार ने इस पर कोई गंभीरता से विचार नही किया है। उन्होंने कहा कि करोना जैसी महामारी से निपटने के लिए सरकारी कर्मचारियों पर नेता पुष्प वर्षा तो करते हैं लेकिन वे लाभ देने पर उन्हें ऐतराज है जो केंद्र अपने एनपीएस कर्मचारियों को दे रहा है। ठाकुर ने कहा कि एनपीएस पूरे भारत मे लागू है तो उसी एनपीएस के तहत एनपीएस कर्मचारियों को मिलने वाले लाभ हिमाचल के कर्मचारियों पर लागू नही करना कहांं का इंसाफ है।

उन्होंने कहा कि सेवा के दौरान सामान्य मृत्यु पर सरकार की तरफ से कमर्चारी का 15 से लेकर 30 हजार का बीमा रहता है और दुर्घटना में 2 लाख का जो कि सरकार की तरफ से कर्मचारी की हर माह काटी जाने वाली राशि और 80 रुपए की ग्रुप इंश्योरेंस से दिया जाता है। उन्होंने कहा कि सरकार अगर चाहती तो इस राशि को बढ़ा कर कर्मचारी के परिवार को सामाजिक सुरक्षा प्रदान कर सकती थी। लेकिन इस विषय में अब भी वही अंग्रेजों के जमाने का पैटर्न रखा गया है

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