प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था का नया उदय

ऑनलाइन प्रणाली ने प्रचलित शिक्षण व्यवस्था में किया परिवर्तित

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कोरोना ने न केवल औधोगिक क्षेत्र,अर्थव्यवस्था और सामाजिक क्षेत्र प्रभावित किए बल्कि बच्चों की शिक्षा भी बाधित हुई। लॉक डाउन के चलते लंबे अरसे से देश भर में शिक्षण संस्थान बंद हैं। प्रदेश में भी छात्रों को पढ़ाई में नुकसान झेलना पड़ रहा है। ऐसे में ऑनलाइन प्रणाली से छात्रों को शिक्षा दी जा रही है।हिमाचल प्रदेश में शिक्षा क्षेत्र पर जानकारी देते हुए  शिक्षामंत्री ने कहा कि कोविड-19 के दौरान शिक्षा व्यवस्था के लिए एक बड़ी चुनौती सामने आई है, जिसका प्रदेश सरकार तथा शिक्षा विभाग ने योजनाबद्ध तरीके से समाधान निकालकर विद्यार्थियों की शिक्षा को जारी रखने के प्रबंध किए हैं। इस प्रकार प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था का नया उदय हुआ है।  

उन्होंने कहा कि ऑनलाइन प्रणाली के नए युग ने प्रचलित शिक्षण व्यवस्था को परिवर्तित कर दिया है, जिससे हम सभी को भविष्य में ऐसी परिस्थितियों से निपटने तथा शिक्षा को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने में सहायता मिलेगी। हिमाचल प्रदेश में कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के कारण दुर्गम क्षेत्रों में शिक्षा प्रदान करना अपने आप में ही एक चुनौतीपूर्ण कार्य है, जिसे हिमाचल सरकार प्रभावशाली रूप से निभाती आ रही है, लेकिन कोविड-19 के दृष्टिगत शिक्षा को जारी रखने के लिए ‘हिमाचल दूरदर्शन ज्ञानशाला’ कार्यक्रम के अंतर्गत 10वीं एवं 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए प्रातः 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक दूरदर्शन के हिमाचल चैनल पर अध्यापन का प्रसारण किया जा रहा है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि इसके अतिरिक्त ‘लर्निंग फ्राॅम होम-हर घर पाठशाला’ के तहत इंटरनेट के माध्यम से 9वीं, 10वीं तथा 12वीं कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन पठन-पाठन कार्यक्रम शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि ‘समय 10 से 12 वाला – हर घर बने पाठशाला’ कार्यक्रम के अंतर्गत पहली से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए इंटरनेट के माध्यम से पाठ्य सामग्री भी उपलब्ध है।
सुरेश भारद्वाज ने कहा कि कोविड-19 के दौर में अभिभावक, अध्यापक तथा विद्यार्थियों के सहयोग से प्रदेश सरकार शिक्षा व्यवस्था को बनाए रखने में सफल हुई है। अभिभावकों को बच्चों के साथ अधिक समय मिल रहा है, जिसका उपयोग वे बच्चों के सर्वांगीण विकास की दिशा में कार्य करके कर सकते हैं। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि ऐसे समय में घर पर ही रहें, बुजुर्गों की देखभाल करें तथा प्रदेश सरकार के प्रयासों में अपना योगदान दें।

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