शिमला। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने महात्मा गॉधी की जयन्ती के अवसर पर कहा कि अब समय आ गया है कि हम भारत को एक मजबूत और समृद्ध राष्ट्र बनाने के लिए महात्मा गॉधी के विचारों, उच्च सिद्धांतों और नैतिक मूल्यों की पुनस्र्थापना करें।उन्होंने आज यहां भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान द्वारा आयोजित ‘महात्मा गॉंधी, जम्मू-कश्मीर और राष्ट्रीय एकता’, विषय पर परस्पर संवाद पर विचार रखे। राज्यपाल ने कहा कि महात्मा गॉधी न केवल भारत के लिए अपितु सम्पूर्ण मानव जाती के लिए आदर्श है, उनके सिद्धांत हमें अहिंसा, समानता, आपसी भाईचारे और संघर्ष के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते है। अंग्रेजों से लड़ने के लिए सत्य और अहिंसा उनके हथियार थे। उन्होंने हमें अपने जीवन में सिद्धांतों और आदर्शो पर चलने का संदेश दिया था। उनकी लड़ाई न केवल भारत की राजनैतिक स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए थी अपितु देश को एक सिद्धांतवादी राष्ट्र बनाने के लिए भी थी। राज्यपाल ने कहा कि हम जातिवाद, धर्मनिरपेक्षता, स्वच्छ भारत, महिलाओं व बच्चों के अधिकार, स्वास्थ्य और किसानों व गांवों का विकास, जलवायु परिवर्तन और हरित आवरण, वातावरण अनुकूल जीवन शैली को अपना कर ही हम गांधी जी के सिद्धांतों को पुर्नजीवित कर सकेंगे।बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि पिछले 72 वर्षों से जम्मू-कश्मीर एक अशांत राज्य था परंतु भारत सरकार के अनुच्छेद 370 और 35 ए को खत्म करने के ऐतिहासिक निर्णय के कारण ही राज्य को देश के साथ मिलाना संभव हुआ। उन्होंने कहा कि आज जब हम विकसित देशों की बात करते है तो नागरिक अपना अस्तित्व अपने देश के नाम पर दर्शाते है जबकि भारत अभी भी खंडित अस्तित्व की धारणा से ग्रस्त है। हमारे लिए आवश्यक है कि हम अपनी पहचान अपने देश की पहचान से बनाए। किसी भी देश को मजबूत और समृद्ध बनाने के लिए राष्ट्रीय एकजुटता की आवश्यकता होती है।