“अपनी मंडी” स्टॉल में खूब बिकी सब्जियां

पहली बार स्पीति के किसानों ने प्राकृतिक खेती के तहत तैयार उत्पादों के लगाया स्टॉल,हर बुधवार को काजा बाजार में लगेगा स्टाल

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हिमाचल प्रदेश के दुर्गम जनजाति क्षेत्र लाहौल स्पीति में पिछले कई वर्षों से प्राकृतिक खेती हो रही है। यहां पर फसल विविधीकरण इतने व्यापक स्तर पर नहीं था। कृषि विभाग ने विविधीकरण का भी विस्तार करते हुए किसानों को जागरूक किया और प्राकृतिक खेती के बारे में किसानों को और बारीकियां सिखाई ।

बुधवार को स्पीति क्षेत्र में पहली बार प्राकृतिक खेती से तैयार की गई सब्जियां उत्पाद “अपनी मंडी” स्टॉल पर बेची गई। इसमें ब्रोकली, बंद गोभी, धनिया मूली , शलगम, लेट्यूस आदि प्रमुख उत्पाद आकर्षण का केंद्र रही । कृषि विभाग के तहत चल रहे आत्मा प्रोजेक्ट में स्पीति क्षेत्र के किसानों को सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती के अधीन प्रशिक्षित किया जा रहा है। प्राकृतिक खेती से कम लागत में स्वास्थ्य और अधिक उत्पाद कैसे तैयार किया जाता है। इसके बारे में यहां के किसानों को सिखाया जा रहा है। इसी वजह से स्पीति में प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों की संख्या में इजाफा हो रहा है । पहले केवल सब्जियां अपने गुजारे के लिए उगाते थे लेकिन अब रोजगार के तौर पर भी इन्हें उगाया जा रहा है। इस बार प्रगतिशील किसानों ने तैयार हुई फसल को लेकर कृषि विभाग के समक्ष मामला उठाया की उन्हें अपने उत्पाद बेचने में दिक्कत हो रही है। क्योंकि एक तरफ लॉकडाउन भी है और दूसरी तरफ वो पहली बार इस तरह के उत्पाद बाजार में सही दामों पर बेचना चाह रहे हैं। इसी मामले को कृषि विभाग सुलझाते हुए “अपनी मंडी” नाम से स्टॉल लगाने का फैसला लिया और एडीएम ज्ञान सागर नेगी से स्टॉल लगाने की अनुमति ली। बुधवार को काजा बस स्टैंड में पहली बार अपनी मंडी का स्टॉल लगाया गया । इस मौके पर एसडीएम जीवन सिंह नेगी ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करते हुए प्रगतिशील किसानों की पीठ थपथपाई और कृषि विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की भी जमकर तारीफ की उन्होंने कहा कि यहां पर वर्षों से प्राकृतिक कृषि हो रही है लेकिन प्राकृत खेती में भी बेहतर तकनीक का इस्तेमाल कैसे किया जा सकता है। इसके बारे में कृषि विभाग ने स्पीति के किसानों को प्रशिक्षित किया है। आजकल लोग केमिकल से तैयार होने वाले सब्जियों, उत्पादों को प्राथमिकता नहीं देते हैं। बल्कि प्राकृतिक तौर पर तैयार होने वाले उत्पादों को प्राथमिकता देते हैं। “अपनी मंडी” स्टॉल लगाकर यहां के उत्पाद को सीधे मार्केट में बेचना बहुत अच्छा प्रयास है। इससे किसान बिचौलियों के चंगुल से बच पाएगा और सही दाम किसान को मिल सकेगा। स्थानीय प्रशासन किसानों की मदद करने के लिए प्रयासरत हैं इस मौके पर ईशु डोलमा और उर्गेन, अंकित, नवांग किसानों ने स्टाल पर उत्पाद बेचे । इस मौके पर ए डी ओ सुभाष ने सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती के बारे में जानकारी दें साथ ही प्रगतिशील किसानों की ओर से किए जा रहे कार्यों के बारे में जानकारी रखी। इस मौके पर एसी (विकास ) महेंद्र प्रताप सिंह, बीटीएम सुजाता नेगी, एटीएम दिनेश ,सांग्या सहित कई लोग मौजूद रहे।

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