सेब का ऐसा आढ़ती जिसके होते हुए एक भी बागवान के साथ नहीं हुई ठगी

बड़े-बड़े नामी आढ़तियों को टक्कर देता है नैतिक, साल का 6 करोड़ का सेब कारोबार तीव्र विलक्षण बुद्धी के धनी नैतिक सूंटा छोटी सी उम्र में देशभर से आए सेब खरीददारों को बेचता है सेब

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सेब की खरीद-फरोख्त के काम को बड़ा ही जोखिम भरा और पेचिदा काम माना जाता है इसलिए इस काम में बड़े कम लोग ही लंबे समय तक टीक पाते हैं कि इस काम में बागवानों की पूरे साल की मेहनत की आमदनी टिकी होती है इसलिए हरकोई बागवान नामी और अनुभवी आढ़ती के पास ही अपना सेब बेचने के लिए ले जाते हैं। ऐसे ही सेब आढ़ती के काम में हिमाचल प्रदेश के रोहडू क्षेत्र के खलावन गांव के 18 साल के नैतिक शूंटा ने ऐसी महारत पा रखी है कि जो भी बागवान एक बार इनके पास सेब बेचने के लिए आता है, वह दोबारा किसी और के पास नहीं जाता है। इसी का नतीजा है कि नैतिक सूंटा अपनी सूंटा फ्रूट कंपनी के माध्यम से हर साल 30 हजार बागवानों के सेब को बेचकर 6 करोड़ का कारोबार कर रहे हैं। हिमाचल प्रदेश में हर साल लगभग 4 हजार करोड़ रूपये का सेब देश-विदेश में जाता है और हर साल हजारों ऐसे बागवान होते हैं जो बाहर से आए व्यापारियों के झांसे में आकर लाखों रूपये की ठगी का शिकार होते हैं लेकिन पिछले चार सालों से पूरी तरह सेब आढ़त का काम देख रहे नैतिक सूंटा ने अपने किसी भी बागवान के साथ न ही ठगी होने दी है और न ही सेब बागवानों के लिए घाटे का सौदा किया है। इसके अलावा जब तक नैतिक के पिता सेब आढ़त का काम संभालते थे तब उन्हें गांव-गांव जाकर बागवानों को अपना सेब उनके पास बेचने के लिए आना पड़ता था लेकिन जब से नैतिक ने सेब का कारोबार संभाला है तब से अब बागवानों के घर-घर जाकर उन्हें अपने पास सेब बेचने की नौबत ही नहीं पड़ रही है। बागवान खुद ही अपने मुनाफे को ध्यान में रखते हुए नैतिक की कंपनी में आते हैं और अपना सेब बेचने के लिए छोड़ जाते हैं। 12 साल की उम्र में दसवीं की परीक्षा पास करने और 18 साल की उम्र में ग्रेजुएशन करने वाले नैतिक सूंटा पिछले चार सालों से पिता की फ्रूट कंपनी का पूरी तरह से संभाल रहे हैं। नैतिक सूंटा ने दे बैटर इंडिया को बताया कि वे जब वे 10 साल के थे तब वे पहली बार पिता के साथ सेब मंडी में आए थे और पहले ही दिन पिता को व्यापार करते देख इसमें रूचि बन गई थी। इसके बाद क्योंकि मेरा स्कूल दोपहर 1 बजे से शुरू होता था और मंडी सुबह 10 बजे खुलती थी तो मैं अपने पिता के साथ सेब मंडी में आ जाता था और सेब आढ़ती का काम किस तरह किया जाता है इसे सीखना शुरू कर दिया। इसके बाद जब मैं लगातार मंडी में आता रहा तो सारा काम सीख गया और जब 14 साल का हुआ तो मेरे पिता को मुझे अपनी कंपनी का पूरा काम सौंप दिया, तब से मैं ही सेब मंडी में सेब कारोबार कर रहा हूं। नैतिक सूंटा बताते हैं कि पिछले वर्ष उन्होंने 50 हजार सेब पेटियों को बेचकर छह करोड़ रूपये का कारोबार किया था। वे बताते हैं कि सेब का कारोबार करने के बाद उन्होंने सरकार के पास टैक्स के रूप में साढ़े पांच लाख रूपये जमा करवाए हैं।

मंडी में मिल रहा सेब का अच्छा दाम:

सूंटा फ्रूट कंपनी के माध्यम से अपने सेब को बचने वाले रोहडू के बागवान गीता राम बताते हैं कि जब से नैतिक ने आढ़त का काम संभाला है तब से उन्हें सेब के अच्छे दाम मिल रहे हैं। उन्होंने बताया नैतिक को सेब की सही परख है और मार्केट में सही पकड़ व बाहरी राज्यों से आए खरीददारों के साथ अच्छे संबंध होने के चलते अब उन्हें उनके सेब के लिए पहले से अधिक दाम मिल रहे हैं। इसके अलावा टिक्कर क्षेत्र के अन्य बागवान भागचंद रांटा ने बताया कि उनकी 4000 सेब की पेटियां होती हैं और वे इन्हें नैतिक के पास ही आगे बेचने के लिए लाते हैं। नैतिक के साथ काम करने का एक फायदा यह है कि एक तो दाम सही मिलता है दूसरा पैसा समय पर मिल जाता है। जिससे सभी प्रकार की देनदारियां समय पर निपट जाती हैं।

30 हजार बागवानों के सेब बेचते हैं नैतिक:

नैतिक बताते हैं कि उनके पास शिमला, किन्नौर और लाहौल-स्पीति जिले के लगभग 30 हजार से अधिक किसान सेब बेचने के लिए आते हैं। उन्होंने बताया कि वे इन सभी बागवानों के सेब को बाहरी राज्यों से आए सेब खरीददारों को उचीत दामों में अपना मुनाफा बचाते हुए बेचते हैं। उन्होंने कहा कि अभी चार सालों जब से मैं कारोबार को पूरी तरह से देख रहा हूं तब से एक भी बागवान के साथ ठगी नहीं हुई है।

’बाहरी राज्यों से आने वाले सेब खरीददार भोले-भाले बागवानों के सेब को बाद में पैसे देने के नाम पर ले जाते हैं और इसके बाद वापस हीं लौटते हैं, ऐसे लोगों से बागवानों को बचाने के लिए मैं किसानों में जागरूकता का काम भी करता हूं ताकि बागवान ठगी से बच सकें’..नैतिक

बागवानों को एक सप्ताह में देतें हैं पेमेंट:

सेब बागवानों को सेब बाजार तक पहुंचाने तक साल भर मेहनत करनी पड़ती है और इसके लिए उन्हें बहुत पैसा खर्च करने के साथ कई बार कर्ज भी लेना पड़ जाता है। इसलिए बागवानों को समय पर पैसा मिल जाए इसके लिए वे एक सप्ताह के भीतर बागवानों को सेब के बदले में पेमेंट कर देते हैं, ताकि उन्हें दिक्कतों का सामना न करना पडे़।

40 बीघे का बगिचा भी संभाल रहे नैतिक :

नैतिक सूंटा बताते हैं कि उनका एक पुस्तैनी सेब का 40 बीघे का बगिचा है। इस बगिचे में कटिंग, प्रुनिंग से लेकर अन्य सेब से संबधित कार्याें को नैतिक स्वयं देखते हैं और इस काम में उनके घरवाले भी उनकी मदद करते हैं। उन्होंने बताया कि उनके बगिचे में हर साल लगभग 4 से 5 हजार पेटियां सेब होता है। इसलिए सेब के बगिचे की ओर भी वे विशेष ध्यान देते हैं।

राज्यपाल और मुख्यमंत्री कर चुके हैं सम्मानित:

नैतिक बताते हैं कि मेरे तेज दिमाग को देखते हुए प्रदेश सरकार ने तीन बार एक साथ दो कक्षाओं की परिक्षाएं देने का मौका दिया था। इसके अलावा मुझे पूर्व राज्यपाल आचार्य देवव्रत, पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और कई मंत्री अवार्ड दे चुके हैं। कई संस्थाएं मुझे सेब के कुशल कारोबार के लिए सम्मानित कर चुकी हैं।

यूपीएससी की तैयारियों में जुटे हैं:

नैतिक बताते हैं कि वे यूपीएससी की परिक्षा पास कर सिविल सर्विस में जाना चाहते हैं। अक्षमों के लिए काम करने वाली निष्ठा संस्था के साथ जुडे नैतिक का कहना है कि समाज के कमजोर दबके को उपर उठाने के लिए सिविल सर्वेंट बनना चाहते हैं। वे बताते हैं कि इसके लिए उन्होंने तैयारियां शुरू कर दी हैं और वे जब सेब मंडी में कारोबार नहीं होता है उस समय यूपीएससी की कोचिंग ले रहे हैं।

8219530991 नंबर पर कर सकते हैं संपर्क:

बागवानों की मेहनत का उचीत दाम लगाकर उन्हें समय पर पैसा दिलाने के काम में जुटे नैतिक की फ्रूट कंपनी के साथ यदि आप व्यापार करना चाहते हैं या अक्षमों की सेवा के लिए किसी प्रकार का सहयोग करना चाहते हैं तो आप उन्हें 8219530991 नंबर पर संपर्क कर सकते हैं।

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