कृषक की आय को दोगुना करने के लिए प्रतिबद्ध मोदी सरकार :धूमल

किसान की दशा और दिशा सुधार में मील का पत्थर साबित होगें कृषि विधेयक

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पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल जी ने कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक, 2020 व कृषक (सशक्‍तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्‍वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 के संसद से मंज़ूरी मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए इसे किसान की दशा और दिशा में महत्त्वपूर्ण सुधार की ओर लिया गया साहसिक कदम बताया है।उन्होंने कहा कि इन दोनों विधयकों के पारित होने से किसान की आय को दोगुना करने के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में एक बड़ा कदम बताया है। धूमल ने कृषि-कृषक हितैषी बिल के संसद के दोनों सदनों से पारित होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर का आभार प्रकट करते हुए समस्त किसान भाइयों को बधाई दी है।

धूमल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी अन्नदाता की आय दोगुनी करने,उपज का सही मूल्य दिलाने,संविदा खेती और किसान को तकनीक से जोड़ने के लिए वर्ष 2014 से संकल्पित थे परिणामस्वरूप इन पारित विधेयकों में ऐसे सभी निर्णायक कदम उठाए गए हैं। आज़ादी के बाद से कृषिक्षेत्र में व्यापक सुधार हों किसान आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बने ऐसी बातों पर चर्चाओं का दौर बना रहा।लेकिन आज 73 वर्षों पश्चात मोदी सरकार ने किसान को उनकी फसल के विक्रय के लिए खुला बाजार देकर प्रशंसनीय निर्णय किया है।उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने ही किसान को लागत से 50 फीसदी अधिक मुनाफा जोड़कर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय करना, पीएम किसान सम्मान योजना, नीम कोटेड यूरिया, किसान क्रेडिट कार्ड,फसल बीमा योजना और पीएम कृषि सिंचाई योजना इत्यादि जैसे किसान हितेषी निर्णय लेकर आजाद भारत की ऐसी पहली सरकार होने का गौरव प्राप्त हुआ है जो कथनी की बजाय करनी में किसान हित को सर्वोच्च मानती है। वर्णीय है कि मोदी सरकार के पूर्व में किये गए सकारात्मक निर्णयों के कारण ही कोविड-19 वैश्विक महामारी के समय कृषि क्षेत्र के उत्पादन में 3.25 फीसदी बढ़ौतरी के साथ 23 फीसदी आय में वृद्धि हुई है।

उन्होंने कहा कि आज कांग्रेस इन विधयेकों का विरोध बेशर्मी से कर रही है जबकि इसी पार्टी ने वर्ष-2019में लोकसभा चुनाव के घोषणा पत्र में मंडी अधिनियम को संशोधित कर उपज के निर्यात के लिए खुला बाज़ार देना, संविदा खेती,एमएसपी तय करना,आवश्यक वस्तु अधिनियम को समाप्त करना, कृषि उपज को राष्ट्रीय बाज़ार देना इत्यादि निर्णय सत्ता में आने की सूरत में करने का संकल्प लिया था।परंतु आज विपक्ष में रहते हुए अपने घोषणा पत्र से उलट कांग्रेस किसानों में भ्रम फैलाने का सुनियोजित तरीके से कार्य कर रही है।जोकि निंदनीय व तर्कहीन है।धूमल ने जोर देकर कहा कि मोदी सरकार किसानों को एमएसपी के माध्यम से उचित मूल्य दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।किसान और ग्राहक के बीच बिचौलिए जो किसानों की कमाई का बड़ा हिस्सा खुद ले लेते हैं उनसे बचाने के लिए यह विधेयक कारगर भूमिका अदा करेगें।साथ ही किसान की भूमि को संरक्षण मिले ऐसी व्यवस्था भी इस विधेयकों में की गयी है।

उन्होंने बताया कि संसद से दोनो बिल कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक ,2020 और कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 के पारित होने पर कृषि उपज के विक्रय और विपणन के लिए राज्य के अंदर और बाहर अन्य राज्य में व्यापार करने की छूट मिलेगी। यही नहीं उपज के लिए खरीदार, व्यापारी,सहकारी समितियों और एफपीओ के साथ सीधे संपर्क होने की सूरत में किसान अपने निकटतम ही कृषि उपज विपणन की सुविधा से युक्त हो जाएगा और फसल की बुआई से पहले ही मूल्य और खरीद तय कवा सकेगा।इन विधेयकों के माध्यम से मोदी सरकार ने इस बात को मान्यता दी है कि किसान बेहतर मूल्य पर अपने कृषि उत्पाद को अपनी पसंद के स्थान पर बेचने में सक्षम हो।उन्होंने आशा व्यक्त की है कि खुला बाजार होने की स्थिति में संभावित खरीदारों की संख्या में बढ़ोतरी होगी और खरीद में स्पर्धा होने से यह विधेयक किसानों की आय को दोगुनी करने के लक्ष्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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