शिमला। लम्बी लड़ाई लड़ने के बाद आखिरकार शिमला के मेयर और उपमहापौर अपने पुराने टाऊन हॉल के कमरों में लौट आए है। 6 सिंतबर को हिमाचल उच्च न्यायालय के फ़ैसले के बाद निगम के मेयर एवम डिप्टी मेयर को यहाँ दफ्तर में बैठने की इजाज़त दी गई थी। दरअसल जनवरी 2015 में टाउन हॉल के जिर्णोद्धार का काम शुरू हुआ था। जिर्णोद्धार का काम पूरा होने के बाद टाउन हॉल का मामला हाईकोर्ट में चला गया था। कोर्ट के आदेश के बाद राजधानी शिमला में वर्ष 1908 में स्कॉटिश वास्तुकार जेम्स रैनसोम द्वारा डिजाइन किये गए टाउन हॉल में सिर्फ नगर निगम शिमला के महापौर और उपमहापौर का कार्यालय स्थापित किया जायेगा।
ब्रिटिश शासनकाल के दौरान साल 1908 में बने इस ऐतिहासिक टाऊन हॉल में 2014 तक नगर निगम कार्यालय चल रहा था। इस दौरान सरकार ने इस भवन के जीर्णोद्धार का फैसला लिया। तत्कालीन सीपीआईएम मेयर के विरोध के बावजूद टाउनहाल खाली करवाया गया और निगम के सारे दफ्तर उपायुक्त कार्यालय परिसर में शिफ्ट कर दिए गए।