शिमला जिला के कोटखाई तहसील में 2017 में हुए गुडिय़ा रेप एंड मर्डर मामला फिर हाई कोर्ट पहुंचेगा। गुडिय़ा को इंसाफ दिलाने के लिए जल्द ही कोर्ट में मदद सेवा ट्रस्ट और पीड़िता के परिजनों द्वारा याचिका दायर कर दी जाएगी ताकि गुड़िया के असली आरोपियों को सजा मिल सके। यह बात शिमला में आयोजित प्रेस वार्ता में मदद सेवा ट्रस्ट के सचिव विकास थापटा ने कही। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि गुड़िया मामले में तीन सालों की लंबी कानूनी प्रक्रिया चली है और अब सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट को इस मामले पर यथासंभव कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। गुड़िया के परिवार और मदद सेवा ट्रस्ट द्वारा सीबीआई द्वारा चरानी को आरोपी बनाए जाने की जांच के खिलाफ चुनौती दी गई थी और अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में कड़ा संज्ञान लिया है।
सचिव विकास थाप्टा ने कहा कि गुड़िया मामले को आज तीन साल से ज्यादा समय हो गया है लेकिन अभी तक परिवार जनों और पीड़िता को न्याय नहीं मिल पाया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में अभी तक हुई जांच संतोषजनक नहीं है। सीबीआई ने भी जांच में सिर्फ जल्दबाजी दिखाई है और इस मामले को निपटाने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि सीबीआई की फॉरेंसिक रिपोर्ट के अनुसार इस जघन्य अपराध में और लोगों के शामिल होने की संभावना जताई गई थी तो अब वह संभावित लोग कहां है ?
उन्होंने कहा कि सीबीआई ने नीलू नाम के चरानी को आरोपी बना कर खड़ा कर दिया जबकि इस जघन्य अपराध को अकेले चिरानी अंजाम नहीं दे सकता है, बल्कि इस क्रूर अपराध के पीछे और लोग भी शामिल है। सीबीआई की जांच से असंतुष्ट गुड़िया के परिजनों ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से भी मुलाकात की थी और उन्हें मामले की परिस्थितियों से अवगत करवाते हुए इस मामले में पूरी तरीके से जांच करने की मांग की थी। वहीं मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी पीड़िता के परिवार को आश्वासन दिया था लेकिन इस मामले में अभी तक कुछ भी नहीं हुआ जिस कारण परिवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा था। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस मामले में अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई है और मामले की सही से जांच न होने पर अभी तक गुडिय़ा को न्याय नहीं मिल पाया है।
विकास थापटा ने लोगों से आग्रह करते हुए कहा कि वे गुडिय़ा को न्याय दिलाने के लिए हाईकोर्ट को पत्र लिखें ताकि गुड़िया को इंसाफ मिल सके। उन्होंने हाईकोर्ट से भी उम्मीद जताई है कि हाई कोर्ट इस मामले में कड़ा संज्ञान लेगी और असल आरोपियों को जल्द ही सजा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि वह गुड़िया को न्याय दिलाने की लड़ाई तब तक लड़ेंगे जब तक गुड़िया को न्याय नहीं मिल जाता। वह कानूनी प्रक्रिया और अन्य सभी तरीकों से गुड़िया को न्याय दिलाने की लड़ाई जारी रखेंगे।
वहीं देवेन भट्ट ने पुलिस जांच पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या चरानी इतना प्रभावशाली व्यक्ति था कि उसे बचाने के लिए पूरा पुलिस महकमा जुट गया। साथ ही पुलिस लॉक -अप में एक आरोपी को मार दिया गया। उन्होंने आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग की है।