उत्तर प्रदेश के हाथरस में युवती के साथ दुष्कर्म और उसके बाद उसकी हत्या किए जाने को लेकर पूरे देश में लोगों का आक्रोश फूट पड़ा है। देश भर में लोग युवती को न्याय दिलवाने और इस जघन्य अपराध में लिप्त आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
राजधानी शिमला की स्थानीय जनता में भी इस दिल दहला देने वाली दरिंदगी के खिलाफ नाराजगी है। वह भी न्याय की गुहार लगाते हुए सड़क पर उतर आई है। सामाजिक कार्यकर्ता रवि कुमार विकास, थाप्टा और अन्य स्थानीय लोगों ने रिज मैदान पर आज मौन प्रदर्शन किया। मासूम युवती को मोमबत्ती जलाकर श्रद्धांजलि दी साथ ही सरकार से उसे न्याय दिलाने की पुरजोर मांग उठाई। स्थानीय लोगों ने कहा कि सभी आरोपियों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने केंद्र व प्रदेश सरकार से तुरंत इस मामले में कार्यवाही करने की मांग उठाई है।
प्रदर्शन में उपस्थित लोगों ने आरोप लगाया कि हाथरस प्रशासन इस मामले को दबाने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग करते हुए कहा कि दलित होने के कारण लड़की को प्रताड़ित किया गया है और उसे मौत के हवाले कर दिया गया। उन्होंने कहा कि इस घटना से पूरा देश व समाज शर्मसार है। हत्यारों ने दरिंदगी की सीमा को पार किया है। उन्होंने कहा कि आज समाज में बेटियों की सुरक्षा खतरे में है और सरकार को बेटियों-महिलाओं की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए।
सामाजिक कार्यकर्ता रवि कुमार ने कहा कि सरकार सेलिब्रिटी को पूरी सुविधाएं देती है लेकिन इस मासूम लड़की को सही उपचार भी नहीं दिया गया और अब इस मामले में सरकार चुप्पी साधे बैठी है। उन्होंने कंगना रनौत के लिए आवाज उठाने वाले सामाजिक संगठनों पर तंज कसते हुए कहा कि आज उन सभी संगठनों को जो कंगना रनौत मामले में आगे बढ़ कर साथ देने की बात कर रहे थे, इस निर्मम हत्या के मामले में भी उन्हें सामने आना चाहिए।
सामाजिक कार्यकर्ता रवि कुमार ने कहा कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ हिंदू राज्य और हिंदुत्व की बात करते हैं लेकिन उनके समाज में आज हिंदुओं की यह दुर्दशा है। उन्होंने पूछा कि क्या उनका हिंदुओं की प्रति कोई दायित्व नहीं है। रवि कुमार ने आरोप लगाया कि जिस प्रकार से योगी शासन में आधी रात को लड़की का अंतिम संस्कार कर दिया गया वह कहीं भी हिंदू परंपरा के अनुसार नहीं है।
रवि कुमार ने यूपी सरकार से जिला और पुलिस प्रशासन को तुरंत निष्कासित करने की मांग की साथ ही उन्होंने केंद्र में बैठी सत्तारूढ़ महिलाओं पर निशाना साधते हुए कहा कि ये सभी महिलाएं जो हथिनी की मौत पर मुखर हो उठी थीं, वे आज 19 वर्षीय मासूम बेटी की मौत पर चुप्पी साधे क्यों बैठी है? उन्होंने उनकी भर्त्सना करते हुए कहा कि सत्ता में बैठी महिलाओं को भी इस मामले पर संज्ञान लेना चाहिए