ग्राम पंचायत आनन्दपुर में आज विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर की अध्यक्षता उपमण्डल विधिक सेवा समिति अध्यक्ष व मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी शिमला श्री रणजीत सिंह ने की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि विधिक सेवा प्राधिकरण का गठन सन् 1987 में किया गया। इसके तहत महिलाएं, बच्चे, अनुसूचित जाति व जनजाति के लोग, असहाय व्यक्ति व ऐसे व्यक्ति जिनकी समस्त स्त्रोतों से आय सालाना एक लाख रुपये से कम है, मुफ्त कानूनी सहायता के पात्र हैं। अदालत में इन्हें किसी भी प्रकार के लम्बित मुकद्दमों के लिए निशुल्क कानूनी सहायता प्राप्त करने का अधिकार है।
उन्होंने कहा कि अपने परिवारिक झगड़ो को अपने स्तर पर या पंचायत के माध्यम से सुलझाकर अदालती कार्यों के भार को कम करने में अपना सहयोग दें। इसके अतिरिक्त अपने विवादों को मध्यस्थता व लोक अदालतों के माध्यम से निपटाने का प्रयास करें। सभी नागरिक अपने अधिकारों व कर्तव्यों के प्रति सचेत रहें। इसके अतिरिक्त उन्होंने कई महत्वपूर्ण अधिनियमों की विस्तृत जानकारी दी।
अधिवक्ता रीता ठाकुर व अधिवक्ता गीता सिंह ने घरेलु हिंसा अधिनियम-2005, सूचना का अधिकार अधिनियम-2005, भरण-पोषण अधिनियम, मोटर वाहन अधिनियम, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम सहित कई अन्य महत्वपूर्ण अधिनियमों की जानकारी दी। इस अवसर पर प्रधान ग्राम पंचायत आनन्दपुर महेन्द्र कुमार, उप प्रधान अशोक कुमार, बीडीसी सदस्य प्रदीप कुमार, अधीक्षक राम चन्द, कनिष्ठ सहायक बन्सी राम, समस्त पंचायत प्रतिनिधि एवं आनन्दपुर पंचायत के विभिन्न गांव से आए महिला व पुरूष उपस्थित थे।