मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति भी विधिक सहायता के अधिकारी है। यह जानकारी आज सीविल जज जूनियर डिविजन अक्षी शर्मा ने हिमाचल मानसिक रोग एवं पुनर्वास अस्पताल में आयोजित विधिक साक्षरता शिविर के तहत वहां उपस्थित मानसिक रोगियों को दी। उन्होंने बताया कि मानसिक रूप से अस्वस्थ कोई भी व्यक्ति या उसकी ओर से उसके संबंधी या संरक्षक निःशुल्क विधिक सहायता के लिए प्रार्थना-पत्र प्रस्तुत कर सकते हैं।
इस वर्ग को उनके अधिकार दिलवाने के लिए आवश्यक कानूनी सहायता देने की विधिक सेवा द्वारा व्यवस्था है। उन्हें यदि मानसिक चिकित्सालय से स्वस्थ होने में मुक्त होने में कोई कानूनी तकनीकी या व्यावहारिक परेशानी है, उसका समाधान भी निःशुल्क विधिक सहायता के तहत दिया जाना संभव है।मानसिक अस्वस्थ व्यक्ति के किसी अधिकार का ह्नास या अतिक्रमण होता है तो वह निःशुल्क कानूनी सहायता का हकदार है। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. संजय पाठक, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. निधि शर्मा उपस्थित थे।