कानून की दृष्टि से सभी समान हैं, समाज के कमजोर,गरीब वर्ग के लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए हिमाचल प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा अदालती कार्यवाही के लिए मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान का प्रावधान है। यह बात आज सिविल जज जूनियर डविजन कोर्ट नम्बर-6 कनिका शर्मा ने शिमला जिला के बसंतपुर खंड की गा्रम पंचायत कोटला में आयोजित विधिक साक्षरता जागरूकता शिविर की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने कहा कि प्रत्येक महिला, नाबालिग बच्चे, अनुसूचित जाति व जनजाति से सम्बन्ध रखने वाले नागरिक, आपदाग्रस्त क्षेत्र के निवासी मुफ्त कानूनी सहायता के हकदार है। उन्होंने बताया कि आम नागरिक जिनकी वार्षिक आय एक लाख रूपए से कम हो, भी मुफ्त कानूनी सहायता प्राप्त करने के लिए सादे कागज पर जिला व उपमंडल स्तर पर स्थापित विधिक साक्षरता प्राधिकरण में प्रार्थनापत्र दे सकते हैं।
कनिका शर्मा ने कहा कि शीघ्र व सस्ता न्याय प्राप्त करने के लिए लोगों को आपसी मामले पंचायत स्तर अथवा लोक अदालतों तथा मध्यस्तता प्रणाली के माध्यम से सुलझाने की पहल करनी चाहिए। मामलों का निपटारा दोनों पक्षों की रजामंदी से किया जाता है। उन्होंने बताया कि लोगों की सुविधा के लिए जिला न्यायालय में फ्रंट ऑफिस स्थापित किए गए हैं जहां पर लोग अपने मामलों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
अधिवक्ता निरजा शर्मा ने भरण पोषण, घरेलू हिंसा तथा मोटर वाहन अधिनियम तथा अधिवक्ता भावना वर्मा ने सूचना का अधिकार, नशा निवारण एवं उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर स्थानीय पंचायत के प्रधान सूरज प्रकाश सभी न्यायिक अधिकारियों का स्वागत किया तथा कहा कि ऐसे शिविरों के आयोजन से ग्रामीण जनता को न्यायिक प्रक्रिया के सम्बन्ध में जागरूकता मिलती है। उन्होंने शिविर के लिए पंचायत के चयन पर उनका आभार व्यक्त किया। शिविर में स्थानीय पंचायत के उप प्रधान, विषम लाल, वार्ड सदस्य सुनीता, हरी राम, सिता देवी, विमला, योगराज, सचिव लीला धर, अर्जुन शर्मा तथा स्थानीय ग्राम पंचातय के लगभग 150 महिला व पुरूषों ने भाग लिया।