पुरे देश में किन्नौर जिला की हवा सबसे साफ

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Chinese film shooting Himachal
किन्नौर जिला की हवा को पूरे देश में सबसे साफ मानी गई है। आईआईटी दिल्ली के सेंटर फार एटमोस्फेरिक सांइस की टीम की ओर से किए गए शोध में यह खुलासा हुआ है। रिसर्चर ने पूरे देश में सभी जिलों में हवा की गुणवत्ता और उनमें प्रदुषण की मात्रा के लिए एक रिसर्च की थी। जिसमें हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिला को सबसे साफ जिला घोषित किया गया है। जबकि दिल्ली शहर को देश में सबसे प्रदुषित शहर माना गया है। किन्नौर जिला की हवा में पार्टीकुलर मैटर 3.7 पाया गया है जो कि नेशनल एयर क्वालिटी से 10 गुणा कम पाया गया है। जबकि दिल्ली में पीएम की मात्रा 148 आंकी गई है जो कि गंभिरत खतरे की ओर इशारा कर रही है। किन्नौर जिला में कुल 458297.47 हैक्टेयर एरिया फोरेस्ट के तहत आता है। इसके अलावा यहां पर 9355 हेक्टेयर भूमि पर कृषि की जाती है। इतना वृहद फोरेस्ट एरिया होने और उद्योगों और वाहनों की अवाजाही कम होने की वजह से इस क्षेत्र में पर्यावरण स्वच्छ रहता है।

सालाना पौने तीन लाख लोग प्रिमैच्याेर डैथ के शिकार
आईआईटी दिल्ली की ओर से करवाई गई इस स्टडी में प्रिमैच्याेर डैथ का आंकडा भी लिया गया है। रिसर्च में बताया गया है कि 2 लाख 72 हजार लोग प्रिमैच्योर डैथ हुई है। इनके पिछे मुख्य कारण क्रोनिक ओबस्ट्रक्टीव पल्मनरी डीजीज बताया गया है। गंदी हवा में सांस लेने से सांस से सबंधित बिमारियां में बढोतरी देखी गई है।

इनके लिए भी प्रसिद्ध है किन्नौर
किन्नौर हैंडलूम और हस्तशिल्प के सामानों के लिए प्रसिद्ध है। यहां से शॉल, टोपियां, मफलर, लकड़ी की मूर्तिया और धातुओं से बना बहुत-सा सामान खरीदा जा सकता है। इसके अतिरिक्त किन्नौर फलों और ड्राई फूडस के उत्पादन के लिए भी बहुत जाना जाता है। सेब, बादाम, चिलगोजा, ओगला, अंगूर और अखरोट देश भर में अच्छी क्वालिटी के लिए जाने जाते हैं। इसके अलावा किन्नौर जिला पर्यटन की दृष्टी से भी विशेष महत्व रखता है यहां पर सांगला, काल्‍पा, रिकांग पिऊ, निचार करचम ताप्री आदि स्थान दर्शनिय है।

किन्नौर जिला में एक भी बड़ी इंडस्ट्री नहीं
किन्नौर जिले में एक भी बड़ी इंडस्ट्री नहीं हैं। यहां पर हैंडलुम को बढावा दिया जाता है यहां पर 59 हैंडलुम युनिट्स हैं। यहां पर कुल 539 लुघु उद्योगों की इकाइयां हैं। किन्नौर को वहां के फलों और सांस्कृतिक विरास्त के साथ पहनावे के लिए भी विशेष रूप से पहचाना जाता है। इसके अलावा बिजली उत्पादन के क्षेत्र में जिले में कई बड़े हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट स्थापित किए गए हैं।

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