
नाहन: उपायुक्त सिरमौर डॉ. आरके परूथी ने भगवान परशुराम की पालकी की पूजा-अर्चना के बाद भगवान परशुराम की पालकी को कंधा देकर सात दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय श्री रेणुका मेले का शुभारंभ किया। देव पालकीयों का राज परिवार की ओर से स्वागत किया गया।
यह मेला दशमी की पूर्व संध्या पर भगवान परशुराम का उनकी माता रेणुका जी से वार्षिक मिलन का अनूठा संगम है। परंपरा के अनुसार, भगवान परशुराम की पालकी को जामो कोटी गांव के प्राचीन मंदिर से रेणुका लाया जाता है और उसके बाद धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन व पवित्र झील में स्नान भी किया जाता है।

उपायुक्त ने इस अवसर पर कहा कि हिमाचल प्रदेश अपनी समृद्ध परम्पराओं व संस्कृति के लिए जाना जाता है। मेले हमारी संस्कृति व पपरंपराओं को अगली पीढ़ी तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाते हैं। कोरोना काल में इस बार यह मेला सूक्ष्म रूप से मनाया जा रहा है। उपायुक्त सिरमौर डॉ. आरके परूथी ने श्रीरेणुका जी मेले का शुभारम्भ करते हुए बताया कि इस बार मेले के लिए कोविड-19 के मध्यनजर विशेष एसओपी जारी की गई है। उन्होंने कहा कि 10 साल से कम आयु के बच्चे व 65 साल से अधिक की उम्र के बुजूर्गों को मेले में न आने की सलाह दी गई है। उन्होंने कहा कि देव पालकी के साथ पहुंचे सभी कारदारों के कोविड टेस्ट करवाये गए हैं। प्रशासन द्वारा कोविड जांच के लिए मेला स्थल में भी जांच केंद्र बनाया गया है। इसके साथ-साथ कोरोना से जागरूकता के लिए जगह-जगह पर जागरूकता संदेश लिखे गए हैं। कोरोना संक्रमण के बढते मामलों को देखते हुए स्नान स्थल पर प्रशासन द्वारा विशेष व्यवस्था की गई है, जिसके तहत श्रीरेणुका जी झील मे एक समय में केवल 26 लोग ही स्नान कर पाएंगे और उन्हें मास्क पहनना अनिवार्य होगा। उपायुक्त ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वह प्रशासन द्वारा जारी एसओपी का पालन करें।
इस अवसर पर विधायक विनय कुमार, पुलिस अधीक्षक सिरमौर डा. केसी शर्मा, एसडीएम एवं सदस्य सचिव रेणुका विकास बोर्ड रजनेश कुमार, एसडीएम संगडाह डा. विक्रम नेगी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी रेणुका विकास बोर्ड दीपराम शर्मा के अतिरिक्त विभिन्न विभागों के अधिकारी व रेणुका विकास बोर्ड के गैर सरकारी सदस्य भी उपस्थित थे।