कोरोना संकट में मनरेगा ग्रामीण क्षेत्र में रह रहे लोगों की आजीविका का सहारा बन रहा है। वैश्विक महामारी के चलते लगाए गए लाॅकडाउन ने ग्रामीण क्षेत्रों के कामगारों, श्रमिकों और विशेष रूप से गरीबी रेखा के तहत आने वाले लोगों की परेशानियों को बढ़ा दिया है। कर्फ़्यू के कारण लोगों की आय खत्म हो गई है ऐसे में इन लोगों को गुजर बसर करना मुश्किल हो गया है।
बंद के कारण बेरोजगार हुए लोगों को आजीविका कमाने तथा दिन-प्रतिदिन की जरूरतों को पूरा करने के लिए रोजगार के साधनों की तलाश थी। ऐसे में मनरेगा इन लोगों के लिए वरदान साबित हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के तहत हज़ारों लोगों को रोजगार दिया जा रहा है। बेरोजगारों और कम रोजगार पा रहे लोगों के लिए काम के अवसरों को बढ़ाने के लिए तथा ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए मनरेगा बहुआयामी विकासात्मक रणनीति का काम कर रही है।