देश की सुरक्षा के लिए जम्मू-कश्मीर में अपने जीवन की बाजी लगाने वाले भारत मां के सपूत शहीद परमजीत सिंह और प्रेम सागर को देश ने तो सलाम किया ही, लेकिन हिमाचल के आईएएस व आईपीएस दंपति ने देशभक्ति और सामाजिक सरोकार की ऐसी मिसाल कायम की है, जो पूरे देश के लिए प्रेरणापद है।
देश के बड़े प्रशासनिक पदों पर आसीन अधिकारी इस तरह की मिसाल कायम करेंगे। डीसी कुल्लू युनस खान व एसपी सोलन अंजुम आरा ने कुछ दिन पहले कश्मीर में पाक सेना द्वारा बर्बरता से हत्या करके मारे गए पंजाब के तरनतारन के शहीद परमजीत की छोटी बेटी खुशदीप कौर के खर्च का जिम्मा उठाया है। शहीद के दो बेटियां हैं। बड़ी बेटी सिमरन दसवीं में पढ़ती है। छोटी बेटी बारह वर्षीय खुशदीप कौर सातवीं में पढ़ती है। खुशदीप और उसका भाई जुड़वा हैं।
दंपति के इस कदम से समाज को भी प्रेरणा मिलेगी। वे इस मिसाल से लोग शहीदों और उनके परिवार के प्रति फर्ज को भी जान सकेंगे। ये दंपति शनिवार को शहीद परमजीत के घर पहुंचा। उन्होंने उनके परिवार के साथ दुख-दर्द को साझा किया। डीसी युनूस खान ने कहा कि उन्होंने और उसकी पत्नी अंजुम आरा ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ संकल्प तहत ये फैसला लिया है। वे शहीद परमजीत सिंह की बेटी खुशदीप कौर की परवरिश का जिम्मा उठाएंगे। उन्हें खुशी है कि उन्हें यह जिम्मेदारी लेने का मौका मिला है।
उन्होंने कहा कि बच्ची अपने परिवार के साथ ही रहेगी, लेकिन फिर भी समय-समय पर वह गांव वईपुंई आकर परिवार का हालचाल पूछते रहेंगे। डीसी खान ने कहा कि बच्ची खुशदीप कौर जिस भी क्षेत्र चाहे वह इंजीनियर, डॉक्टर या खाकी को अपनाना चाहेगी वह उन्हें पल-पल गाइड करेंगे। बेटी को जिसकी जरूरत होगी वो भी देंगे डीसी कुल्लू यूनुस व एसपी सोलन दोनों युवा दंपति आईएएस व आईपीएस हैं। युनूस खान 2010 बैच के आईएएस हैं, जबकि अंजुम आरा 2011 बैच की आईपीएस हैं। एसपी सोलन और देश की दूसरी महिला आईपीएस अंजुम आरा ने बताया कि टीवी पर जब परमजीत के शहीद होने की न्यूज देखी तो मन में भावना पैदा हुई कि जिस वीर सैनिक ने हमारी सुरक्षा करते हुए प्राण न्योछावर किए हैं उनके व उनके परिवार के प्रति हमारा भी दायित्व है।
इस दंपति ने शहीद परिवार की सहायता करने का फैसला किया। बेटी अपनी मां के पास ही रहेगी। अंजुम आरा ने बताया कि बेटी की शिक्षा, कॅरिअर, नौकरी और शादी तक का सारा खर्च निर्वहन करेंगे।