करसोग। हिमाचल के जिला मंडी के तहत करसोग में खनन माफिया पर पुलिस का खूब डंडा चला है। उपमंडल के अंतर्गत सक्रिय खनन माफिया माफिया पर लगाम कसते हुए ‘अकेले करसोग पुलिस ने 8 महीनों में 52 चालान काटे हैं। जिससे जुर्माने के तौर पर सरकारी कोष में 1,30,200 की राशि जमा हुई है। DSP ने खुद भी अवैध तरीके से रेत ले जा रहे कई टिप्परों के स्पॉट पर चालान काटे हैं।
बता दें कि उपमंडल में लंबे समय से खनन माफिया सक्रिय है। यहां दो जिलों मंडी और शिमला की सीमा से होकर बहने वाली सतलुज नदी व खड्डों से खनन माफिया अवैध तरीके रेत आदि ले जा रहे हैं। जिसे लोगों को मनमाने भाव बेचकर खनन माफिया चांदी कूट रहे हैं। इसके अतिरिक्त बहुत से भवन मालिक भी अपने रसूख का फायदा उठाते हुए नियमों को ताक में रख कर अवैध खनन कर रहे हैं। उपमंडल में जिस रफ्तार से कंस्ट्रक्शन हो रही है, उसी तेजी से खनन माफिया ने भी अपना जाल बिछाया है। यही नहीं सरकारी कार्यों में जैसे सड़कों में लगने वाली रिटेनिंग वॉल सहित बहुत से भवनों निर्माण के लिए भी चोरी-छुपे रेत और पत्थर लाए जा रहे हैं। जिससे पर्यावरण को भी नुकसान हो रहा है। जिसका खामियाजा लोग नदियों और खड्डों में अचानक आने वाली बाढ़ के रूप में भुगत रहे हैं। ऐसे में करसोग पुलिस ने सख्ती बरतते हुए खनन माफिया पर नियमों का डंडा चलाया है। इसके अतिरिक्त वन विभाग और माइनिंग डिपार्टमेंट भी स्तर पर खनन माफिया के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं। ऐसे में सरकारी विभागों के संयुक्त प्रयासों से खुलेआम मची लूट पर काफी हद तक लगाम कसने में सफलता मिली है।
DSP गीतांजलि ठाकुर का कहना है कि खनन माफिया पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। पुलिस ने इस साल विभिन्न क्षेत्रों में अवैध खनन के 52 चालान काटे हैं। इस जुर्म में दोषियों से 1.30 लाख जुर्माना वसूला गया है। उनका कहना है कि अवैध खनन को रोकने के पुलिस का अभियान जारी है।