प्रवासी मजदूरों के लिए होम गॉर्ड एंड सिविल डिफेंस कर रहा दो जून की रोटी का जुगाड़

परिस्थितियों के ठीक होने तक जारी रहेगी भोजन व्यवस्था

0
537

कोरोना महामारी ने देश के साथ हिमाचल प्रदेश को भी बुरी तरह से प्रभावित किया है। देश-प्रदेश में महामारी से बचने के लिए लगाए गए लॉक डाउन से लोग घरों में कैद होने को मजबूर हैं वहीं देश के सबसे बड़े प्रवासी मजदूर वर्ग अपने ठिकानों से बाहर निकलने पर विवश हैं। दिन भर मजदूरी कर दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करने वाले प्रवासी मजदूरों को कोरोना ने चिंता में डाल दिया है। देश सहित हिमाचल प्रदेश में भी बड़ी संख्या में रह रहे प्रवासी मजदूरों को भी रोटी की समस्या ने आ घेरा है। अर्थव्यवस्था,उद्योग और कामों के बंद हो जाने से इन्हें अपने और अपने परिवार के लिए भोजन जुटाना विकट समस्या बन गई है। ऐसे में समाजसेवी संस्थाओं, राजनैतिक दलों के साथ ही कुछ लोगों ने इन मजदूरों को खाना खिलाने का बीड़ा उठाया है वहीं देश मे किसी भी तरह की आपदा में हर समय जनमानस की सेवा में तत्पर रहने वाले होमगार्ड और सिविल डिफेंस विभाग ने भी प्रवासी मजदूरों के लिए भोजन की व्यवस्था की है। विभाग द्वारा हर रोज सुबह 11:30 बजे से 3 बजे तक खाना बांटा जा रहा है। विभाग ने निर्णय लिया है कि जब तक हालात सामान्य नहीं हो जाते हैं तब तक मजदूरों के लिए भोजन की व्यवस्था की जाती रहेगी।

प्रतिदिन 11:30 से 3 बजे तक दिया जा रहा भोजन :

शिमला के कार्टरोड में एचपीटीडीसी लिफ्ट के समीप कार्यालय में विभाग द्वारा इन प्रवासी मजदूरों को प्रतिदिन 11:30 से 3 बजे तक खाना खिलाया जा रहा है।  डीजी होम गार्ड डॉ.अतुल वर्मा के दिशा-निर्देशों के तहत 26 मई से शुरू की गई भोजन व्यवस्था प्रवासी मजदूरों और जरूरमंद लोगों के लिए की गई है। प्रतिदिन होम गार्ड और सिविल डिफेंस के जवान 150 से 200 लोगों का खाना बनाते हैं और जिसे वालंटियर्स द्वारा बांटा जाता है। विभाग ने टीम गठित कर शिमला शहर के 18 वार्डों में जाकर सर्वे किया और वहां रह रहे प्रवासी मजदूरों से संपर्क साधकर उनका पता और फोन नंबर आदि लिया। विभाग ने लगभग 470 ऐसे मजदूरों की सूची तैयार की जो काम न होने की वजह से रोटी कमाने में असमर्थ थे और किसी भी तरह अपने गांव-घर लौट जाना चाहते थे। विभाग ने अपने निजी खर्च से इन मजदूरों के लिए दो वक़्त की रोटी जुटाने का फैसला लिया और कार्यालय में ही भोजन बनवा कर वितरित करने की व्यवस्था की गई। सामाजिक दूरी और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखते हुए मजदूरों को भोजन दिया जा रहा है। 

विभाग स्वयं वहन कर रहा खर्च:

भोजन बनाने की सामग्री और अन्य खर्चों का वहन होम गार्ड और सिविल डिफेंस स्वयं कर रहा है। इसमें सरकार की ओर से किसी भी तरह की कोई आर्थिक सहयोग नहीं है। विभाग के अफसरों , कर्मचारियों और लोगों द्वारा दिए गए चंदे से ही भोजन व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए विशेष तौर पर कोऑपरेटिव बैंक में एकाउंट खुलवाया गया है जिसमें अब तक 20 हजार तीन सौ रुपये जमा किए गए हैं। विभाग ने इस काम के लिए विशेष कमेटियों का गठन किया है। खरीददारी ,बैंकिंग, बनाने और बांटने से लेकर ऑडिट कमेटी भी बनाई गई है ताकि लोगों द्वारा दिए गए अंशदान का दुरूपयोग न हो पाए।इसके साथ ही विभाग जिला प्रशासन से मिलकर इन मजदूरों के जाने की भी व्यवस्था करने का प्रयास कर रहा है और जाना सुनिश्चित हो जाने पर सफर के लिए भोजन की भी व्यवस्था करेगा।

कमांडेंट होम गार्ड और सिविल डिफेंस आर.पी नेपटा ने जानकारी देते हुए बताया कि विभाग ने मजदूरों को आ रही भोजन की समस्या को देखते हुए परिस्थितियों के ठीक होने तक लंगर लगाने की व्यवस्था की है। उन्होंने कहा कि अगर कोई मजदूर आ नहीं पाता है तो उस तक भोजन पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। खाना बनाने से लेकर बांटने तक कि प्रक्रिया में स्वच्छता और पौष्टिकता का भी ध्यान रखा जा रहा है साथ ही सरकार के सोशल डिस्टेंसिंग के निर्देशों को भी अपनाया जा रहा है। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि विभाग जल्द ही सोलन ,नहान,ऊना और कांगड़ा में भी मजदूरों के लिए भोजन की व्यवस्था शुरू करने जा रहा है।  

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here