रामपुर बुशहर: अनेकता में एकता के सूत्रधार को पिरोती आज हिन्दी भारत में ही नहीं बल्कि विश्व भर में बोली और समझी जाने वाली विश्व भाषाओं में अपनी पहचान स्थापित कर चुकी है । इसी उद्देश्य को फलीभूत करने के उद्देश्य से सोमवार को प्रशासनिक भवन के ‘सभागार ’झाकड़ी में एक दिवसीय “हिन्दी-कार्यशाला” आयोजित की गयी जिसका शुभारंभ महाप्रबन्धक (मानव संसाधन) प्रवीन सिंह नेगी द्वारा किया गया। उन्होंने सबसे पहले हिन्दी दिवस के अवसर पर सभी प्रतिभागियों को हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं दी और आह्नवान किया कि आइए।‘हिन्दी-दिवस’ के इस पावन अवसर पर हम यह प्रतिज्ञा करें कि एक साथ मिलकर मन वचन और कर्म से हिन्दी के प्रचार-प्रचार में सक्रिय और सृजनात्मक सहयोग देकर राजभाषा हिन्दी को सम्मानजनक स्थान पर पहुंचाने में अपना योगदान प्रदान करेंगे ।
नेगी ने अपने संबोधन में कहा कि हिन्दी सौहार्द की भाषा है। प्यार की भाषा है। हमारे अधिकार की भाषा है इसलिए हिन्दी का सम्मान करना हमारा दायित्व भी बनता है। उन्होंने महात्मा गांधी के विचारों को दोहराते हुए कहा कि –“राष्ट्रभाषा के बिना राष्ट्र गूंगा है”। उन्होंने डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की उक्ति को भी उल्लिखित किया कि –“किसी भी देश की उन्नति में उसके राष्ट्रभाषा का बहुत बड़ा योगदान रहता है”। अतः सभी प्रतिभागी इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से कुछ न कुछ सीख कर दूसरों के लिए भी प्रेरणास्रोत बनें तभी इस कार्यक्रम की सार्थकता सिद्ध होगी ।
इस एक दिवसीय हिन्दी कार्यशाला में मृदुला श्रीवास्तव,उप महाप्रबन्धक,निगमित मुख्यालय मुख्य फैकल्टी के रूप में उपस्थित रहेगी जो विस्तार से प्रतिभागियों को राजभाषा नियम-अधिनियम की रूपरेखा को उद्धृत करेंगी और कार्यालयी कामकाज में आने वाली शंकाओं के समाधान हेतु प्रतिभागियों के साथ रू-ब-रू भी होंगी ।
हिंदी भाषा का सम्मान करना हमारा दायित्व … प्रवीन सिंह नेगी
नाथपा झाकड़ी हाइड्रो पावर स्टेशन में हिन्दी-दिवस के अवसर पर हिन्दी कार्यशाला का आयोजन