
शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार गरीब परिवार के पहले दस किडनी रोगियों के ट्रांसप्लांट पर आने वाले चार लाख रूपए तक का खर्चा उठाएगी। यही नहीं, किडनी ट्रांसप्लांट की व्यवस्था को सरकार हिमकेयर और आयुष्मान योजना में भी शामिल करेगी। स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार ने वीरवार को विधानसभा में इंदिरा गांधी मेडिकल काॅलेज, शिमला में गुर्दा प्रत्यारोपण सुविधा प्रदान करने को लेकर अपने वक्तव्य में यह बात कही। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस समय प्रदेश में लगभग 1200 लोग किडनी रोग से ग्रस्त है। इसमें से लगभग 500 रोगियों का किडनी ट्रांसप्लांट किया जाना है। उन्होंने कहा कि बहुत से लोग किडनी की बीमारी से गस्त हैं। इसका मुख्य कारण उच्च रक्तचाप और मधुमेह की बीमारियां हैं। उन्होंने कहा कि आज से पहले लोगों को किडनी ट्रांसप्लांट के लिए पहले लोगों को या तो पीजीआई चंडीगढ़ जाना पड़ता था या फिर एम्स में जाना पडता था, लेकिन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के सफल प्रयासों के कारण अब यह सुविधा आईजीएमसी में शुरू कर दी गई है। परमार ने कहा कि सरकार ने वर्ष 2018 में आईजीएमसी में गुर्दा प्रत्यारोपण की सुविधा शुरू करने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि इस सेवा को शुरू करने के लिए राज्य सरकार ने एम्स के सर्जिकल यूनिट के प्रोफेसर और प्रमुख से गुर्दा प्रत्यारोपण करने के लिए सहयोग की बात कही। एम्स की टीम ने शिमला में आकर इस काम को शुरू करने का रोड मैप तैयार किया। इसमें डायलिसिस यूनिट के साथ तीन बिस्तरों वाला गुर्दा प्रत्यारोपण आईसीयू बनाया गया। इसके बाद 12 अगस्त को दो मरीजों की सफल किडनी ट्रांसप्लांट किया गया। यह काम एम्स की सात सदस्यीय टीम की देख रेख में किया गया। इसके अलावा आईजीएमसी के चिकित्सकों, अन्य संबंधित स्टाफ को भी किडनी इलाज का पूरा प्रशिक्षण दिया गया है।
गुर्दा ट्रांसप्लांट की सारी औपचारिकतांए आईजीएमसी में होगी पूरी स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि किडनी स्कैंडल के बाद सख्त कानून के चलते सरकार ने गुर्दा प्रत्यारोपण की सारी औपचारिकताओं को पूरा करने की प्रक्रिया को भी आसान बना दिया है। उन्होंने कहा कि लोगों को इसके लिए लंबी प्रक्रिया से न गुजरना पड़े, इसके लिए आईजीएमसी में ही सारी औपचारिकताओं को पूरा कर लिया जाएगा। शपथ पत्र से लेकर सभी तरह के टैस्ट होंगे। उन्होंने कहा कि आगे भी एम्स के डाक्टरों की देखरेख में किडनी ट्रांसप्लांट के आपरेशन किए जाएंगे।