हिमाचल प्रदेश के उपमंडल करसोग के उभरते कलाकार रोहित आजाद ने अपने गाने के जरिए किसान आंदोलन का समर्थन किया है और किसान आंदोलन को जायज ठहराया है। उन्होंने अपने गीत में कहा है कि केंद्र सरकार को किसानों की मांग माननी चाहिए। ‘ले मशालें’गीत में रोहित ने किसानों की व्यथा को व्यक्त किया है। वीडियो क्लिप्स के द्वारा उन्होंने किसानों की दुर्दशा का चित्रण किया है।
गीत के माध्यम से रोहित ने हिमाचल पर प्रभाव को लेकर भी कई आंकड़े जारी किए हैं। उनका कहना है कि ये बिल हिमाचल की खाद्य सुरक्षा के लिए खतरा बन जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह बात सभी को मालूम है कि हिमाचल प्रदेश खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर नहीं है। हिमाचल प्रदेश को दूसरे राज्यों से लाखों टन अनाज का आयात करना पड़ता है तब जाकर प्रदेश की जनता को भर पेट अनाज मिल पाता है। राज्य सरकार के फुड, सिविल सप्लाई एवं उपभोक्ता मामला विभाग के अनुसार प्रदेश में कुल मिलाकर 18 लाख 86 हजार 790 राशनकार्ड धारक हैं।
हर महीने राज्य को 1 लाख 9 हजार 539 मिट्रिक टन व हर साल 13 लाख 15 हजार मिट्रिक टन अनाज की जरूरत पड़ती है। यह सारा अनाज राज्य सरकार केंद्र सरकार की एजेंसी एफसीआई व अन्य सरकारी एजेंसियों के माध्यम से खरीदती है। ऐसे में यह कृषि कानून हिमाचल प्रदेश की खाद्य सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा होगा। जब केंद्र सरकार आने वाले समय में एफसीआई व अन्य एजेंसियों के जरिए अनाज नहीं खरीदेगी तो राज्य सरकार का फूड व सिविल सप्लाई विभाग कहां से अनाज खरीदेगा। उसको अनाज निजी कंपनियों से खरीदना होगा।