2017 में होने वाले नगर निगम चुनाव से पहले प्रदेश सरकार शिमला को फोकस करने लगी है। हालांकि नगर निगम का चुनाव इस साल मई में होंगे, लेकिन प्रदेश की कांग्रेस सरकार शहर में उद्घाटन व शिलान्यास करने में जुट गई है। इसके मद्देनजर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह मंगलवार को शहर में करोड़ों का शिलान्यास एवं उद्घाटन करेंगे। नगर निगम के टुटू और न्यू शिमला में अमु्रत मिशन के तहत पार्किंग का शिलान्यास करेंगे। न्यू शिमला में ही पीएचसी का शिलान्यास के साथ-साथ पर्यटकों की सुविधा के लिए नई लिफ्ट का भी शिलान्यास मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह करेंगे। बताया गया कि पुरानी लिफ्ट से माल रोड आने के लिए अब कम से कम 25 लोगों को एक ही लिफ्ट में सफर करने का मौका मिलेगा। शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा भी नगर निगम शिमला के शहरों में होने वाले विकासात्मक कार्यों के शिलान्यास अवसर पर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के साथ मौजूद रहेंगे।
ऐसे में प्रदेश सरकार नगर निगम चुनावों के लिए आचार संहिता लागू होने से पहले करोड़ों का शिलान्यास एवं उद्घाटन करेगी। एमसी शिमला का चुनाव विधानसभा से पहले होगा। उल्लेखनीय है कि पिछली बार मई 2012 में चुनाव संपन्न हुए। उस साल प्रत्यक्ष तरीके से चुनाव हुए और माकपा को महौर तथा उप महापौर की कुर्सी मिली। इस बार अप्रत्यक्ष चुनाव होंगे। यानी महापौर व उप महापौर पार्षदों की संख्या के आधार पर निर्भर रहेगा। जिस राजनीति दल के पास सबसे अधिक पार्षद होंगे उसे ही महापौर व उप महापौर की कुर्सी मिलेगी।
प्रत्यक्ष चुनाव ने बिगाड़ा था कांग्रेस-भजपा का खेल
2012 के नगर निगम चुनावों में प्रत्यक्ष चुनावों ने ही कांग्रेस व भाजपा का खेल बिगाड़ दिया था। कांग्रेस के पास 11, बीजेपी के पास 12 तथा माकपा के पास दो पार्षद हैं। इस बार वार्डों की संख्या भी बढ़ जाएगी। महापौर व उप महापौर के लिए प्रत्यक्ष चुनाव होने से पिछली बार माकपा को जीत मिली। ऐसे में प्रदेश सरकार विधानसभा चुनावों से पहले नगर निगम में कांग्रेस की जीत सुनिश्चित करने के लिए विकास कार्यों पर फोकस करने लगी है। वहीं भाजपा भी पीछे नहीं हैं। पिछली बार 25 में से 12 सीटों पर कब्जा जमाने वाली बीजेपी ने भी तैयारियां शुरू कर दी हैं। अभी फिलहाल यह तय नहीं हैं कि नगर निगम में कितने वार्ड नए बनेंगे।
महापौर व उप महापौर की होगी असली परीक्षा
नगर निगम शिमला में होने वाले आगामी चुनावों में महापौर संजय चौहान व उप महापौर टिकेंद्र सिंह पंवर की असली परीक्षा होगी। माकपा के ये दोनों नेता यदि फिर से महापौर व उप महापौर की कुर्सी पर काबिज होना चाहते हैं तो उन्हें पहले पार्षद का चुनाव जीत कर आना पड़ेगा। उसके साथ-साथ माकपा की झोली में सबसे अधिक सीटें होनी चाहिए। वर्तमान में माकपा के पास तीन में से दो ही पार्षद हैं। समिट्री वार्ड से माकपा पार्षद कांग्रेस में शामिल हुए।