टूरिज्म इंडस्ट्री को पटरी पर लाने के लिए ठोस कदम उठाए सरकार ..

हिमाचल स्टेक होल्डर जॉइंट एक्शन कमेटी का गठन

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कोविड-19 के चलते देश-विदेश के साथ ही पर्यटक नगरी हिमाचल प्रदेश में भी पर्यटन उद्योग पर कोरोना की मार पड़ी है। पर्यटन उद्योग से जुड़े लाखों लोग बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। उद्योग पर संकट के दूरगामी प्रभाव को देखते हुए शिमला ट्रैवेल एजेंट एसोसिएशन ने आज प्रदेश के अन्य जिलों की ट्रेरैवल्लिंग, होटलियर्स,टैक्सी,गाइड ,फोटोग्राफर,एडवेंचर्स और कुली एसोसिएसशन्स के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की और इस समस्या के निदान के उपायों पर मंथन किया। इसके अलावा आज  हिमाचल स्टेक होल्डर जॉइंट एक्शन कमेटी की नीवं भी रखी गई।

टूरिज्म इंडस्ट्री से जुड़े लोग हुए बेरोजगार:

इस संबंध में शिमला ट्रेरैवल्लिंग एसोसिएशन के प्रधान नवीन पाल ने जानकारी देते हुए बताया कि आज पर्यटन उद्योग और उससे जुड़े लाखों लोग परेशानी के दौर से गुजर रहे हैं। लगभग 3 लाख लोग इस उद्योग के जरिए अपना और अपने परिवार का गुजर बसर कर रहे हैं। यहां पर कुली से लेकर होटलियर्स तक की एक लंबी शृंखला है जो पर्यटन पर ही पूरी तरह से निर्भर है। उन्होंने कहा कि पूरा विश्व इस महामारी की चपेट में है। लोग जीवन और मौत के बीच संघर्ष कर रहें हैं और कोरोना वायरस की अभी तक वैक्सीन नहीं बन पाई है जिस कारण आना वाला समय और भी कठिन होगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने होटल्स खोलने के आदेश तो दे दिए हैं लेकिन ऐसे संकट के दौर में कौन अपनी जान को जोखिम में डालना चाहेगा। आज पर्यटन उद्योग पूरी तरह से ठप्प हो चुका है। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े लोग कोरोना महामारी के चलते बेरोजगार हो चुके हैं लेकिनसरकार ने अभी तक पर्यटन क्षेत्र की समस्याओं को लेकर कोई कदम नहीं उठाया है और न ही इस मसले पर  कैबिनेट बैठक बुलाई है।

टूरिज्म इंडस्ट्री को अनदेखा कर रही सरकार:

नवीन पाल ने कहा कि अब तक तो लोग किसी तरह से गुजारा कर रहे थे लेकिन धीरे-धीरे उन्हें और अधिक आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ेगा। लोग इस वक्त भी बिजली,पानी ,मकान का किराया ,स्कूल की फीस और अपनी गाड़ी आदि किश्ते देने में असमर्थ हैं। उन्होंने कहा कि इस विषय में एसोसिएशन कई बारसरकार के समक्ष अपनी मांगों को रख चुके हैं लेकिन दुर्भाग्य से 22 %इंडस्ट्री को सरकार अनदेखा कर रही है। इस बारे में कोई भी कैबिनेट बैठक नहीं की गई है जबकि सरकार सेब और बागवानों को लेकर बैठक कर चुकी है लेकिन टूरिज्म इंडस्ट्री के लिए कुछ नहीं किया गया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर  के पास टूरिज्म विभाग है बावजूद इसके इस उद्योग की स्तिथि निराशाजनक है। 

सस्ती दरों पर दिया जाए लोन :

नवीन पाल ने कहा कि हमको मुख्यमंत्री से बहुत ज्यादा उम्मीदें हैं। उन्होंने जरूरतमंद लोगों को हल्के दरों पर लोन देने की मांग करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश की पहचान टूरिज्म इंडस्ट्री के तौर पर है। सरकार अन्य क्षेत्र में नए उद्योगों को लगाने के लिए 60 लाख रुपये तक के लोन देने की बात करती है।  वहीं सरकार को इस जमे जमाए टूरिज्म इंडस्ट्री जो इस समय पटरी से उतर चुकी है, उसको पटरी पर लाने की कोशिश करनी चाहिए। 3,4 लाख के लोन आबंटित करने की मांग करते हुए प्रधान नवीन पाल ने कहा कि 5 % दर के हिसाब से साल भर की किश्त तय कर इस समस्या से जूझ रहे लोगों को लोन दिए जाए और पर्यटन उद्योग से जुड़े निचले स्तर से लेकर प्रत्येक व्यक्ति की समस्याओं का निदान किया जाए।  

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