स्वास्थ्य विभाग घोटाला प्रकरण राजनैतिक गलियों में खूब तूल पकड़ता जा रहा है। पक्ष-विपक्ष का एक दूसरे पर हमला जारी है और जम कर बयानबाजी की जा रही है। दोनों दलों के दिग्गज नेता लगातार एक दूसरे पर बयानबाजी कर रहे हैं। विधायक शिमला ग्रामीण विक्रमादित्य ने जहां मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से इस्तीफे की मांग की तो वहीं भाजपा विधायक राकेश पठानिया ने उन्हें दूध के दांत वाला करार किया और अब नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने इन घोटालों पर श्वेत पत्र जारी कर सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है। साथ ही निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए उन्होंने कहा है कि सरकार चिकित्सा उपकरणों और दवाओं की खरीदफरोख्त की विस्तृत जानकारी जनता दरबार के समक्ष रखें।
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सरकार के ढाई वर्षों के शासन काल में स्वास्थ्य विभाग में केवल घोटाले हुए हैं। इन घोटालों पर भाजपा के वरिष्ठ नेता पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार और प्रेम कुमार धूमल भी टिप्पणी कर चुके हैं। ऐसे में जब स्वास्थ्य विभाग मुख्यमंत्री के अधीन है तो यह उनकी जिम्मेदारी बनती है कि वह विभाग में चल रही अरबों की खरीद का ब्यौरा दें|
अग्निहोत्री ने कहा कि घोटालों को लेकर प्रदेशाध्यक्ष का त्यागपत्र देना घोटालों के होने को पुख्ता करता है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में हो रहे घोटालों की जांच हाई कोर्ट के जज की निगरानी में की जानी चाहिए। उन्होंने जयराम सरकार से पूछते हुए कहा कि सरकार जवाब दे कि इस प्रकरण में डॉ.राजीव बिंदल जांच के दायरे में कैसे आए? स्वास्थ्य विभाग उनके अधीन नहीं है फिर उन्होंने क्यों त्यागपत्र दिया ? उन्होंने कहा कि सरकार श्वेत पत्र जारी कर बताएं कि विभाग के पूर्व मंत्री से विभाग क्योंकर लिया गया ? उन्होंने कहा कि जनता के मध्य यह धारणा बनी हुई है कि सरकार में तथाकथित दलाल दखल दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि विभाग में पत्रबम, पूर्वमंत्री का मोबाईल जब्त, स्वास्थ्य मंत्री का शिफ्ट किया जाना , सेनेटाइजर घोटाला से लेकर स्वास्थ्य निदेशक का रिश्वत मामलों के लगातार बढ़ते घटना कर्मों पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर श्वेत पत्र के माध्यम से पूरी जानकारी दें।