वीरवार को राजकीय उच्च पाठशाला अनाडेल में स्वच्छता दिवस मनाया गया। स्वच्छता कार्यक्रम के अन्तर्गत नगर निगम शिमला के तत्वाधान में स्कूल में पर्यावरण सुरक्षा व रोग निवारण हेतु सफाई अभियान चलाया गया। इस अवसर पर विद्यालय के कार्यकारी मुख्य अध्यापक गोविन्द शर्मा के नेतृ्त्व में छठी से दसवीं कक्षा के छात्रों ने सड़कों, गलियों एवं विद्यालय परिसर के समीप सभी सार्वजनिक स्थानों की सफाई की। छात्रों की टोली की अगुवाई हैडबाय शंकर और छात्राओं की पूजा द्वारा की गयी।
कार्यक्रम का आगाज करते हुए स्कूल मुख्य अध्यापक गोविन्द शर्मा ने विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि पर्यावरण में होने वाले बदलावों का जीव-जन्तुओं एवं मनुष्यों पर सीधा असर पड़ता है, जिसके कारण प्राकृतिक संतुलन बनाये रखना आज की सबसे बड़ी जरूरत है। ग्लोबल वार्मिग के कारण पृथ्वी के तापमान में भारी वृद्धि हुई है, जिसके कारण विश्व में अनेक लोगों के सामने जीवन का संकट खड़ा हो गया है। पर्यावरण संतुलन के लिए विज्ञान और प्रौद्योद्यिकी के महत्व पर उन्होंने कहा कि आज विज्ञान का युग है ऐसे में पर्यावरण के क्षेत्र में आने वाली समस्याओं से जूझने के लिए इसके सही प्रयोग की आवश्यकता है। उनका कहना था कि पर्यावरण की सुरक्षा में ही पृथ्वीवासियों का हित सुरक्षित है। उन्होने बताया कि विद्यार्थियों की सजगता से समाज में पर्यावरण के प्रति संवेदनशील होने का संदेश जाना चाहिए।
उनका कहना था कि शिमला में फैली महामारी पीलिया भी जल प्रदुषण का ही परिणाम था। इस बीमारी के कारण सैकड़ों लोग प्रभावित हुए। सरकार के स्तर पर चलाये जा स्वच्छता कार्यक्रमों की सराहना करते हुए गोविंद शर्मा ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों से जनचेतना तैजी से फैल रही है जिससे अच्छे स्वास्थ्य को सहजता से प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने विद्यार्थियों से अपील करते हुए कहा कि प्रत्येक विद्यार्थी को अपने जन्मदिन पर एक पेड़ अवश्य लगाना चाहिए। इससे न केवल उनकी स्मृतियां बनी रहेंगी अपितु समाज में पर्यावरण संतुलन का मार्ग भी प्रशस्त होगा। इस स्वच्छता अभियान में विद्यार्थियों में आर्यन, हीना, शुभम, भावना और निकिता ने सक्रिय भागीदारी की। अध्यापक वर्ग से मेहरचंद, राजेश, शीला, मीना शर्मा एवं कंवरसिंह ठाकुर और डॉ. प्रियव्रत शर्मा ने भी सफाई अभियान में योगदान किया।