हिमाचल प्रदेश सरकार ने वीरवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में बिजली की अधिक खपत करने वाले घरेलू उपभोक्ताओं के बिजली के बिलों में खपत अनुसार कटौती करने का निर्णय लिया है। इस निर्णय के अनुसार प्रति माह 125 यूनिट्स से अधिक बिजली खपत करने वाले उपभोक्ताओं को दी जाने वाली सब्सिडी में कटौती की गई है। ऐसे में अब जुलाई महीने से बढ़े हुए बिजली के बिल आएंगे। नए बिजली बिलों पर 40 से 113 रुपये बढ़ाए जाएंगे।
खपत अनुसार अदा करना होगा बिल:
प्रदेश सरकार द्वारा प्रतिवर्ष लगभग 450 करोड़ रुपये की सब्सिडी प्रदान की जाती है, जिसमें से 18 प्रतिशत सब्सिडी केवल ऐसे 11 लाख उपभोक्ताओं को मिलती है, जो 125 यूनिट प्रतिमाह से कम बिजली की खपत करते हैं। शेष नौ लाख ऐसे उपभोक्ताओं को सब्सिडी मिलती है, जो 125 यूनिट प्रतिमाह से अधिक बिजली की खपत करते हैं। अब नए प्रारूपों के अनुसार 125 यूनिट तक बिजली खपत करने वाले उपभोक्ताओं को पहले की तरह सब्सिडी मिलती रहेगी। लेकिन अधिक खपत करने उपभोक्ताओं को मासिक बिल के अनुसार ही बिल अदा करना पड़ेगा। वीरवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। मंत्रिमंडल के फैसले से सरकार को प्रति वर्ष लगभग सौ करोड़ की सब्सिडी की बचत होगी।
यह रहेंगी दरें:
नए स्लैब के अनुसार, 125 यूनिट्स तक सब्सिडी मिलेगी और पुरानी दरों के अनुसार ही बिल आएगा।125 से 200 यूनिट्स खपत करने वालों के बिल में 40 से 113 रुपये तक की बढ़ौतरी होगी। 201-300 यूनिट्स की खपत पर 115 से 200 रुपये बढ़ जाएंगे। 301-400 यूनिट्स पर 200 से 290 रुपये और 401 से अधिक यूनिट्स पर 300 से 400 रुपये की वृद्धि की संभावना है।
प्रदेश में अन्य राज्यों की तुलनात्मक कम है बिजली की दरें:
प्रदेश में अन्य राज्यों की तुलनात्मक कम है बिजली की दरें बहुत कम है। प्रदेश में बिजली की दर औसतन 3.93 प्रति यूनिट है जबकि पंजाब और उत्तराखंड में 125 से 300 यूनिट प्रतिमाह बिजली की खपत करने वाले उपभोक्ताओं 6. 59 रुपए और 3.27 रुपए प्रति यूनिट दर से भुगतान करते हैं जबकि हिमाचल प्रदेश में यह दर 2.62 रुपये है। 300 यूनिट प्रति माह से बिजली की खपत कर रहे पंजाब में 7.06 रुपये,उत्तराखंड में5.90 रुपये, हरियाणा में5.72 रुपये और दिल्ली में 6.50 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिल का भुगतान करते हैं। कटौती के बावजूद भी राज्य में पड़ौसी राज्यों की तुलना में वसूली जाने वाली बिजली की दरें 3.36 प्रति यूनिट ही रहेंगी।
मिलेगा लाभ:
सरकार का कहना है कि कटौती करने के निर्णय से राज्य के साथ ही लोगों को भी लाभ मिलेगा। अनुदान का सापेक्ष लाभ कम विद्युत खपत करने वाले अधिक उपभोक्ताओं को मिल सकेगा जबकि बिजली अधिक खपत करने वाले उपभोक्ता बिजली का उचित उपयोग करेंगे। इस कदम से सरकार की वार्षिक सौ करोड़ रुपये की बचत होगी, जिसका बेहतर उपयोग लोगों के कल्याण के लिए किया जा सकेगा।