हिमाचल प्रदेश में बीते कुछ समय से कोरोना मामलों का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। कोरोना संक्रमण के मामले में जीरो में पहुंच चुके प्रदेश में आज कोरोना संक्रमण के मामलों की संख्या हजारों में पहुंच चुकी है। प्रदेश सरकार इसमहामारी पर लगातार नियंत्रण पाने के प्रयास कर रही है वहीं प्रदेश सरकार को विपक्ष के आरोपों से भी दो-चार होना पड़ रहा है। विपक्ष ने सरकार पर कोरोना से निपटने में पूरी तरह से विफल होने का आरोप लगाया है। विपक्ष कोरोना से जुड़ी स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर सरकार से सवाल उठाता रहा है।
प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने से प्रदेश के राज्यस्तरीय अस्पताल आईजीएमसी में भी मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। वहीं दूसरी और अस्पताल प्रशासन भी इन बढ़ते मामलों पर नजर बनाए हुए हैं और अस्पताल प्रशासन हर गंभीर परिस्थिति से निपटने का प्रयास कर रहा है ताकि मरीजों को ऑक्सीजन या अन्य किसी भी प्रकार की दिक्कतें न आए। इसके चलते अब ऑक्सीजन प्लांट को 24 घंटे चलाने का निर्णय लिया है। यह बात आई.जी.एम.सी. में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान चिकित्सक अधीक्षक डा. जनक राज ने कही। उन्होंने कहा कि अस्पताल में कोरोना के 84 मरीज भर्ती है। ऐसे में मरीजों को किसी भी प्रकार की कोई दिक्कतें न आए इसलिए अस्पताल पूरी सुविधा का ध्यान रख रहा है। आईजीएमसी में 80 वेंटीलेटर्स का प्रावधान किया गया है। 30 वेंटीलेटर पहले से उपलबध थे और 50 वेंटिलेटर कोरोना महामारी के दौरान मिले है। सभी वेंटीलेटर चालू है। यह कोरोना मरीजों के लिए ही नहीं, बल्कि अस्पताल में अन्य बीमारियों से ग्रस्त लोगों के लिए भी चलाए जा रहे हैं, ताकि आपता आने पर यह वेंटिलेटर काम आए। अस्पताल में कोरोना के मरीजों के लिए अंदर ही चाय, कॉफी व सूप का इंतजाम किया गया है ताकि कोई मरीज किसी चीज से वंचित न रहे।
डॉ. जनकराज ने बताया कि अस्पताल में भर्ती कोरोना पॉजिटिव मरीजों के लिए मनोरंजन की सुविधा को लेकर भी विचार चल रहा है। उन्होंने कहा कि काफी मरीज ऐसे होते है जो कि पॉजिटिव आने के बाद अंदर समय नहीं बीता सकतेे है। ऐसे में उनको सुविधा देने के लिए मनोरंजन जैसी चीजों का भी प्रावधान किया जा सकता है। जल्द ही इस तरह की सुविधा भी अस्पताल में उपलबध होगी।
उन्होंने कहा कि चिकत्सक कोरोना पॉजिटीव मरीजों की अच्छे से देखभाल कर रहे हैं। वहीं प्रशासनिक अधिकारी भी उनकी दिन में समय-समय पर देखभाल करते है। आई.जी.एम.सी. में कोरोना से निपटने के लिए हर प्रकार के इंतजाम किए है। डा. जनक राज ने कहा कि आईजीएमसी में मरीजों की संख्या बढ़ रही है। ऐसे में लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर सावधानी बरतनी होगी ताकि हम सभी इस कोरोना महामारी के दौर से निपट सके।
डॉ. जनक राज ने कहा कि अस्पताल में दिशानिर्देशों के अनुसार तीन तरह के टैस्ट होते है। ऐसे में लोगों को यह ध्यान रखना होगा कि अपनी इच्छा अनुसार कोई टैस्ट नहीं होता है।डॉ.जनक राज ने कहा कि लोगों को जैसे ही कोई कोरोना के लक्षण दिखाई दे तो समय से अस्पताल आए। कई बार देखने में आया है कि जब मरीज ज्यादा गंभीर होता है तभी वह अस्पताल में आता है। ऐसी स्थिति में मरीज को ठीक करने में भी अधिक समय लग जाता है। उन्होंने लोगों से अपील है कि वे जानकारी न छुपाए और समय से अस्पताल आए।
उन्होंने कहा कि लोगों को कोरोना से के साथ जीने की आदत डाल लेनी चाहिए क्योंकि फिलहाल कोरोना की वैक्सीन बनती नजर नहीं आ रही है। डॉ. जनक राज ने कोरोना मरीजों के साथ हो रहे भेदभाव की भी बात उठाई। उन्होंने कहा कि कोरोना मरीज ठीक होने के बाद भी लोग उनसे भेदभाव करते हैं जो बिल्कुल गलत है। उन्होंने कहा कि सभ्य और पढ़ा-लिखा समाज होने के नाते लोगों को इस तरह का व्यवहार नहीं करना चाहिए। जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि कोरोना मरीजों की काउंसलिंग के लिए भी व्यवस्था की गई है। अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टर समय-समय पर कोरोना मरीजों की काउंसलिंग करते हैं ।